मुद्रलिपि
फॉण्ट (मुद्रलिपि) या टाइप फ़ेस अक्षरों के लिखने की अलग अलग शैलियाँ हैं जो छापे की लिखावट को विभिन्नता और सौंदर्य प्रदान करते हैं।
हिन्दी फॉण्ट
हिन्दी फॉण्ट दो प्रकार के होते हैं:-
यूनिकोड फॉण्ट
वे फॉण्ट जो यूनिकोड मानक के अनुसार होते हैं तथा कम्प्यूटर के प्रचालन तन्त्र के स्क्रिप्ट इंजन का प्रयोग करके टैक्स्ट प्रदर्शित करते हैं, यूनिकोड फॉण्ट कहलाते हैं। वर्तमान में कम्प्यूटर एवं इण्टरनेट पर तमाम कार्यों में इन्हीं का प्रयोग होता है। यूनिकोड फॉण्टों के प्रयोग से कम्प्यूटर पर सभी जगह हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाएँ वैसे ही लिखी जा सकती हैं जैसे अंग्रेज़ी लिखी जा सकती है। यूनिकोड फॉण्टों के कारण ही कम्प्यूटर का सम्पूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम (विशेषकर लिनक्स) हिन्दी भाषा में उपलब्ध हो चुका है।
कुछ प्रचलित यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट हैं:-
- मंगल फॉण्ट - विंडोज़ प्रचालन तन्त्र का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट
विंडोज़ ७ के हिन्दी फॉण्ट:-
- संस्कृत २००३ - देवनागरी हेतु एक मुफ्त एवं सुन्दर यूनिकोड फॉण्ट
- देवनागरी ऍमटी - मॅकिण्टोश प्रचालन तन्त्र का डिफॉल्ट हिन्दी फॉण्ट
- सिद्धान्त - संस्कृत हेतु सर्वाधिक वर्णखण्डों (ग्लिफ) वाला फॉण्ट
नॉन-यूनिकोड फॉण्ट
ये वे फॉण्ट हैं जो पुराने ८ बिट मानकों के अनुसार बने हैं। ये यूनिकोड के आने से पहले प्रचलन में लाये जाते थे। वर्तमान में कम्प्यूटर के सामान्य कार्यों एवं इण्टरनेट पर इनका स्थान यूनिकोड फॉण्टों ने ले लिया है। वर्तमान में ये केवल डीटीपी एवं ग्राफिक्स हेतु प्रयोग में लाये जाते हैं क्योंकि कई डीटीपी एवं ग्राफिक्स सॉफ्टवेयर इण्डिक यूनिकोड का समर्थन नही करते। इसके अतिरिक्त छपाई हेतु सुन्दर यूनिकोड फॉण्टों का अभाव भी एक कारण है जिसकी वजह से नॉनृ-यूनिकोड फॉण्ट अभी भी प्रयोग में लाये जाते हैं।
कुछ प्रचलित नॉन-यूनिकोड हिन्दी फॉण्ट हैं:-
- कृतिदेव - एक प्रसिद्ध नॉन-यूनिकोड फॉण्ट शृँखला
- चाणक्य - समाचार-पत्रों तथा पुस्तकों की छपायी हेतु प्रयुक्त होने वाला एक प्रचलित फॉण्ट
अधिकतर नॉन-यूनिकोड फॉण्ट रेमिंगटन लेआउट आधारित होते हैं। रेमिंगटन में टाइप करने हेतु आम तौर पर किसी अन्य औजार की आवश्यकता नहीं होती। हिन्दी के मानक कीबोर्ड लेआउट इन्स्क्रिप्ट द्वारा इन फॉण्टों में टाइप करने हेतु ई-पण्डित आइऍमई नामक औजार उपलब्ध है।
संस्कृत फॉण्ट
यूनिकोड
संस्कृत हेतु कई यूनिकोड फॉण्ट उपलब्ध हैं जिनमें ओंकारानन्द आश्रम का संस्कृत २००३ नामक फॉण्ट सर्वश्रेष्ठ है। पुराने जमाने की शैली में लिखी जाने वाली संस्कृत वर्णमाला हेतु उत्तरा (uttara.ttf) नामक फॉण्ट है।
संस्कृत के अधिकतम वर्ण/चिह्न छन्दस (chandas.ttf) नामक यूनिकोड फॉण्ट में हैं। यह बेलारुस के Mihail Bayaryn द्वारा विकसित किया गया है। इसमें उन वर्ण चिह्नों हेतु भी ग्लिफ्स हैं जो इण्डिक यूनिकोड में कूटबद्ध नहीं हैं जैसे स्वस्तिक आदि। हालाँकि यह फॉण्ट संस्कृत २००३ जितना सुन्दर नहीं लेकिन सर्वाधिक चिह्न (वैदिक चिह्नों सहित) युक्त हैं। इसके लिये एक आइऍमई भी उपलब्ध है जिससे अतिरिक्त जोड़े गये चिह्नों को टाइप किया जा सकता है।[१]
अ-यूनिकोड
अ-यूनिकोड संस्कृत फॉण्टों में ओंकारानन्द आश्रम के संस्कृत १.२, संस्कृत ९८, संस्कृत न्यू, संस्कृत ९९ शामिल हैं, इनमें नवीनतम संस्कृत ९९ है।[२] पुराने जमाने की शैली में लिखी जाने वाली संस्कृत वर्णमाला हेतु Gudakesa 99 तथा Santipur 99 नामक फॉण्ट हैं।[३] इसके अलावा कुछ अन्य फॉण्ट xdvng आदि शामिल हैं। परन्तु इनमें से किसी में भी सभी संस्कृत चिह्न शामिल नहीं हैं। बरह के BRH-Devanagari नामक फॉण्ट में कुछ अतिरिक्त संस्कृत चिह्न शामिल हैं।
xdvng - इसमें IS0 LATIN-8859-1 ऍन्कोडिंग प्रयुक्त हुयी है। यह सन्दीप सिब्बल के JTRANS ऍडीटर हेतु बनाया गया था जिसमें हिन्दी तथा संस्कृत दस्तावेज बनाने की सुविधा थी।
IAST
संस्कृत को रोमन में लिखने हेतु अन्तर्राष्ट्रीय संस्कृत लिप्यन्तरण वर्णमाला का प्रयोग किया जाता है। इस्कॉन ने इसके लिये कुछ फॉण्ट बनाये हैं।[४][५]
फॉण्ट का इतिहास
- 1. सर्वप्रथम MS DOS के जमाने में bitmap (.bmp) font का प्रयोग होता था। जैसे
- CouriorN10.bmp = अर्थात् 10 प्वांइट आकार वाला कोरियर normal फोंट,
- Courior12.bmp = अर्थात् 12 प्वांइट आकार वाला कोरियर normal फोंट,
- CouriorB24.bmp = अर्थात् 24 प्वांइट आकार वाला कोरियर Bold फोंट,
हरेक आकार के फोंट के लिए, हरेक स्टाइल (बोल्ड, इटालिक) के लिए, अलग अलग फोंट सेट बनाने पड़ते थे। इससे हार्डडिस्क स्पेस अधिक लगता था। यो सारे फोंट किसी भी Dot matrick printer या PCL लेजर प्रिंटर पर मुद्रित हो पाते थे।
- 2. अतः मुद्रण उद्योग की सुविधा के लिए पोस्टस्क्रिप्ट लेजर प्रिंटर का निर्माण हुआ। उस प्रिंटर के रोम में ऐसी सुविधा होती थी कि किसी एक .pfb फोंट, (जो एक फोंट की mathematical outline मात्र होता था) को जब Ventura publisher या अन्य किसी डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर में प्रयोग किया जाता तो वह उसके user की कमांड के अनुसार प्वाइंट साइज आकार में छोटा - बड़ा होकर स्क्रीन पर प्रकट होता था। और पोस्टस्क्रिप्ट लेजर प्रिंटर (जिसके ROM-CARD) में फोंट्स व उसे छोटा बड़ा करनेवाले प्रोग्राम होते थे, से सही रूप में सेट होकर प्रिंट होता था।
- 3. जब विण्डोज 3.0 आया, तो माईक्रोसॉफ्ट ने .pfb के समरूप .ttf (TrueType) फोंट तकनीकी विकसित की। यह भी किसी फोंट की (Mathematical Outline) मात्र रखता है। तथा OS का TTF इंजन इसे छोटा बड़ा करके प्रकट करता है। 6 प्वाइंट से लेकर 600 प्वांइट तक छोटा बडा किया जा सकता है। हर साईज के अलग अलग फोंट बनाकर हार्डडिस्क में स्टोर करने की जरूरत नहीं पड़ती।
- 4. विण्डोज में .pfb फोंट्स को भी चलाने के लिए Adobe Type Manager नामक tool का प्रयोग होता था, जो .pfb से .pfm फोंट (postscript font matrics) स्वतः बनाकर यूजर के जरूरत के मुताबिक फोंट को छोटे-बड़े आकार में डिस्प्ले व मुद्रण करने में सहायक होता था।
- 5. पोस्टस्क्रिप्ट फोंट TTF font से कई माइनें में बेहतर होते हैं। -- शार्पनेस, स्पष्टता, लाइनस्पेसिंग की सटीकता, उन्नत किस्म की छपाई, तथा नेगेटिव प्रिंट व मिरर इमेज प्रिंट आदि जैसे उन्नत मुद्रण उपयोगों के लिए अनुकूल होते हैं।
किन्तु आजकल Open Type font के जमाने में युनिकोड के जमाने में पोस्टस्क्रिप्ट का प्रयोग कम होता जा रहा है।
- 6 वेब फॉण्ट
भारतीय भाषाओं में टाइप फेस डिजाइन की स्थिति
आजकल भारतीय भाषाओं में भी विविध प्रकार की आकर्ष मुद्रलिपियाँ आ गयीं हैं। [६] सन् 2009 में आईआईटी मुम्बई के शोधछात्र तथा वर्तमान में वहाँ के प्राध्यापक गिरीश दाल्वी [७]ने देवनागरी टाइप्प फेस के ऊपर गहन मौलिक अध्ययन किया और शोधपत्र प्रस्तुत किया। [८][९] इसी प्रकार कुछ उत्साही लोगों ने मिलकर भारतीय भाषाओं के लिए फॉण्ट विकसित करने से सम्बन्धित मुद्दों को एकत्र करके एक दस्तावेज सन २०१४ में प्रस्तुत किया। [१०] फॉन्टफोर्ज तथा अन्य मुक्तस्रोत सॉफ्टवेयरों की सहायता से भारतीय लिपियों के सुन्दर और आकर्षक फॉण्ट तैयार किए जा सकते हैं।[११] आजकल इतनी सारी विशेषताओं वाले फॉण्ट उपलब्ध हैं कि इसके लिए लोगों ने विशेष खोजी-औजार तक विकसित करके नेट पर उपलब्ध कराया है। [१२]
इन्हें भी देखें
- क्लिप फॉण्ट (Clip font)
- फॉण्ट परिवर्तक
- नोटो फॉण्ट (गूगल का Noto Font)
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- यूनिकोड आधारित हिन्दी के ओपेन टाइप फॉण्ट (150 युनिकोड समर्थित ओपेन टाइप देवनागरी फोंट, भारत सरकार द्वारा निःशुल्क डाउनलोड एवं उपयोग हेतु उपलब्ध कराई गयी)
- विभिन्न भारतीय भाषाओं के यूनिकोड फॉण्टों का संग्रह (आलोक द्वारा संकलित)
- Hindi-Fonts स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (Free Hindi Font Download)
- Devanagari Unicode Fonts for Windows
- Devanaagarii Font Complete Guide
- Alan Wood's utilities for Unicode and Multilingual File Conversion, Font and Keyboard for Windows
- देवनागरी यूनिकोड फॉण्टों का संग्रह (WAZU JAPAN's Gallery of Unicode Fonts)
- ओंकारानन्द आश्रम के विभिन्न संस्कृत फॉण्टों सम्बन्धी जानकारी
- IAST फॉण्टों का संग्रह
- Sanskrit Fonts: South Asian Language and Resource Center - Sanskrit
- छांदस् - Devanagari Unicode Open Type font
- 'सिद्धान्त' देवनागरी यूनिकोड ओपेन टाइप फॉण्ट - Siddhanta font software was designed by Mihail Bayaryn. The work on the new font took three years. The font can be used for Sanskrit, Vedic, Hindi, Nepali and other languages which use the Devanagari script.
- फैंसी टेक्स्ट कैसे बनाएं स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- अक्षरयोगिनी देवनागरी फॉण्ट डाउनलोड करें
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- ↑ Indian languages were being neglected even in the world of fonts. Not anymore स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (२०१९)
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ of Devanagari.pdf Anatomy of Devanagari Type facesसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ↑ [www.dsource.in/ourdsource/devanagari-type-design Devanagari Type Design]
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Indic Fonts with Fontforge
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