फूल खिले हैं गुलशन गुलशन (टीवी कार्यक्रम)
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
फूल खिले हैं गुलशन गुलशन १९७२ से लेकर १९९३ तक दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला एक लोकप्रीय भारतीय टेलिविज़न कार्यक्रम था।[१] इसमें तबस्सुम (जो पहले हिन्दी फ़िल्मों में बाल कलाकार रही थीं) बॉलीवुड की फ़िल्मी हस्तियों और टेलिविज़न अभिनेताओं-अभिनेत्रियों से बातचीत किया करती थीं।[२] इस कार्यक्रम में तबस्सुम और मेहमान के बीच बातचीत और फ़िल्मों के अंशों को मिलाकर दिखाया जाता था। १९८० के दशक में यह विज्ञापकों के लिए एक बड़े टेलिविज़न दर्शक समुदाय तक अपने इश्तेहार पहुँचवाने के गिनती के कार्यक्रमों में से एक माना जाता था।[३]
सन्दर्भ
- ↑ Conjugations: Marriage and Form in New Bollywood Cinema स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Sangita Gopal, pp. 3, University of Chicago Press, 2012, ISBN 978-0-226-30427-4, ... Further, Hindi film became far more integrated with other forms of media — as exemplified by the proliferation of film magazines like Filmfare, Stardust, and Cine Blaze, as well as the phenomenal popularity of television shows like Chitrahaar and Phool Khile Hain Gulshan Gulshan ...
- ↑ Gandhi Meets Primetime: Globalization and Nationalism in Indian Television, Shanti Kumar, pp. 64, University of Illinois Press, 2006, ISBN 978-0-252-03001-7, ... Phool Khile Hain Gulshan Gulshan, which provided interviews and insights into the private lives of Bollywood heroes and heroines ...
- ↑ Student Britannica India स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Indu Ramchandani (editor), pp. 357, Popular Prakashan, 2000, ISBN 978-0-85229-762-9, ... In the 1980s, advertisers had a three-way choice: either the Sunday feature film, Chitrahaar (programme of popular film songs), or Phool Khile Hain Gulthan Gulshan (interviews with leading film stars) ...