फ़्रांज़ योसेफ़ द्वीपसमूह
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भूगोल | |
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अवस्थिति | आर्कटिक महासागर |
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द्वीपसमूह | फ़्रांज़ योसेफ़ भूमि |
क्षेत्रफल | १६,१३४ km२ (एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "["। sq mi) |
चौड़ाई | साँचा:convert |
प्रशासन | |
जनसांख्यिकी | |
जनसंख्या | 0 |
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फ़्रांज़ योसेफ़ भूमि या फ़्रांज़ योसेफ़ द्वीपसमूह (रूसी: Земля Франца-Иосифа, ज़ेमल्या फ़्रांत्स्का-योसिफ़ा), रूस के सुदूर उत्तर में स्थित एक द्वीपसमूह है। यह आर्कटिक महासागर में नोवाया ज़ेमल्या के उत्तर और स्वालबार्ड के पूर्व में स्थित है और अर्खांगेल्स्क ओब्लास्ट के प्रशासन के अधीन आता है। फ़्रांज़ योसेफ़ भूमि के 191 बर्फ से ढके द्वीपों का कुल क्षेत्रफल 16134 किमी² (6,229 मील²) है। यहां की कोई मूल निवासी जनसंख्या नहीं है, लेकिन रूसियों द्वारा कई बस्तियों का निर्माण किया गया है। इन बस्तियों के नागरिक भोजन के लिए पूरी तरह से वालरस और सील के मांस पर निर्भर हैं।
80.0° और 81.9° अक्षांशों के बीच स्थित यह यूरेशिया का सबसे उत्तरी द्वीपसमूह है और इसका भी सबसे उत्तरी बिंदु रुडोल्फ द्वीप पर स्थित फ्लिजेली अंतरीप है। द्वीपसमूह की उत्तरी ध्रुव से दूरी केवल 900 से 1110 किमी (560-690 क़ानूनी मील) है और इसका सबसे उत्तरी द्वीप कनाडा के एलिसमेयर द्वीप और ग्रीनलैंड को छोड़कर विश्व के अन्य किसी भी द्वीप की तुलना में उत्तरी ध्रुव के सबसे नज़दीक हैं।
संभवतः यह द्वीपसमूह सबसे पहले नार्वे के सील शिकारियों निल्स फ्रेडरिक रॉनबेक और ऐडीयार्वी द्वारा 1865 में खोजा गया था और प्राप्त अभिलेखों के अनुसार, वो स्वालबार्ड से पूर्व की ओर रवाना हुए और अंतत: एक नयी भूमि तक पहुँच गये। इसका कोई दर्ज इतिहास नहीं है कि वो इन टापुओं पर उतरे थे या नहीं, जल्दी ही लोग इन नए द्वीपों को भूल गए।
इन द्वीपों की आधिकारिक खोज 1873 में ध्रुवीय अंवेषक, जूलियस वॉन पेयर और कार्ल वेप्रेक्ट के नेतृत्व वाले ऑस्ट्रिया-हंगरी उत्तरी ध्रुव अभियान द्वारा की गयी। ऑस्ट्रिया–हंगरी के सम्राट फ़्रांज़ योसेफ़ प्रथम के सम्मान में इस द्वीपसमूह को उनके नाम पर ही फ़्रांज़ योसेफ़ नाम दिया गया। चूँकि इस अभियान के प्रायोजक आधिकारिक ना होकर निजी थे, इसलिए यह द्वीपसमूह कभी भी ऑस्ट्रिया का हिस्सा नहीं बन सके।
1926 में इस द्वीपसमूह का नियंत्रण सोवियत संघ ने अपने हाथों में ले लिया और कुछ व्यक्तियों को अनुसंधान और सैन्य उद्देश्यों के लिए यहाँ पर बसाया गया। सिर्फ गर्मी के कुछ हफ्तों में ही यहां जहाज से पहुंचा जा सकता है।
सन्दर्भ