प्रेम विवाह

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amrutam अमृतम पत्रिका, ग्वालियर मप्र

प्रेम विवाह कितना सही है?..

क्या प्रेमविवाह करना चाहिए?..

प्रेमविवाह के खिलाफ समाज क्यों रहता है?..

मत्य-पिता प्रेमविवाह पसन्द क्यों करते?..

प्यार की दूषित हवा से बचकर समाज में विवाह करें और बीबी के हाथ की तवा पर बनी रोटी खाएं। शुरू का प्यार सवा लगता है। फिर बाद में पोना भी नही बचता। अतः सिर नवाकर माता-पिता की बात माने अन्यथा जिंदगी भर दर्द की दवा कहते रहोगे।

प्रेमविवाह के फायदे-नुकसान क्या हैं?...

वो कहती थी कि चलो ….भागकर शादी कर लें, पर मैं डरता रहा कि अगर ऊपर वाले ने बेटी दे दी तो?…

क्या प्रेमविवाह करना जरूरी है?..

सुखी जीवन के लिए लव मैरिज करें या अरेंज मैरिज?...

प्रेम विवाह कितनी आयु में करना चाहिए?... आपको जो करना है, करें जिस पूत पर चू… का भूत सवार होता है, उन्हें समझना व्यर्थ है। शादी से पहले सर्वे जरूर कर लेना।

16 साल की कमसिन उम्र वालों के लिए इश्क की 16 खास खोज….amrutam

वो पूछ बैठी कि क्या हुआ है तुमको, कैसे बताते कि तुमसे इश्क हो गया…

कोई ईजाद कर ले मर्ज-ए-मुकाम की भी वैक्सीन। मरीज इश्क के भी बहुत हो गए हैं इस जमाने में।।

प्यार और उधर दोनों ही सिरदर्द देते हैं। जिससे प्यार किया वे, वेदर्द निकले, उधार वाले गायब हैं।

दुनिया की एक मात्र दिल ऐसी चीज है, जिसमें हड्डी नही है। फिर भी टूट जाता है।

प्यार बेवजह, बेपनाह होता है और प्रेमविवाह के बाद कोई पनाह नहीं देता। फिर सबके पनाह (जूते) खाता है।

प्रेमविवाह कभी-कभी तबाह भी कर देता है। घरवालों की पसंद से की गई शादी से समाज में परिवार की वाह-वाह होती है और वाहेगुरुजी कि कृपा मिलती है।


दुनिया गवाह है कि लव मैरिज से मेडम मैरी के अंदर अनंत कामनाएं, इच्छाओं का अंकुर फूटने लगता है।


भारतीय परम्परा में विबाह 16 संस्कारों में से एक मुख्य धार्मिक कृत्य है। समाज में की शादी से वंश लम्बे चलता है। ओल्ड वर्णसंकर नहीं कहलाती।

प्यार में धोखा…लड़कियां भी बड़े सपने देखती हैं- एक ने सोचा कि ऊंचे कारोबारी से शादी करूंगी। फिर जिससे शादी की, उसकी पहाड़ पर नाई की दुकान थी।

खुटके में प्यार…आज का इश्क 2000 के नोट जैसा है। पता नहीं कब बन्द हो जाये।

वैज्ञानिकों ने खोज की कि वैसलीन का इस्तेमाल कर मोहब्बत का श्रीगणेश होता है और वैक्सीन लगाकर अंत।

नारी, नीर की तरह शीतल होती है और पुरुष पहाड़ की तरह पथरीला तथा मिट्टी जैसा होता है, जब दोनों मिलते हैं, तो कीचड़ हो जाता है।

तबाह होकर भी तबाही दिखती नही है-इश्क की। ये भी कोरोना की तरह बीमारी है, दिखती नहीं।

तुम्हें छुआ, तो कोविड नहीं…प्यार हो गया।

प्रेम विवाह दो व्यक्तियों के आपसी प्रेम, परवाह, आकर्षण और वादे से हुए मेल को कहते है। हालांकि इसका पाश्चिमात्य संस्कृती में कम महत्व है जहाँ लगभग अधिकांश विवाह "प्यार के आधार" पर होते है, परन्तु इसका अर्थ अन्य स्थानों पर विवाह के उस प्रकार को माना जाता है जो ज़बरदस्ती किया गया विवाह या ठहराया गया विवाह से अलग हो।

इसे दक्षिण एशियाई व मध्य पूर्वी देशों में अधिकतर उपयोग किया जाता है जहाँ पारंपरिक विवाह का प्रचलन अधिक है जिसमें महिला व पुरुष के परिवार वाले उनका विवाह तय करते हैं। संस्कृति के आधार पर प्रेम विवाह अप्रचलित व बदनामी की नज़र से देखे जाते हैं।[१]साँचा:dead link

BRIDE FEELING JOY AND LOVE IN MARRIAGE MOMENTS

इतिहास

प्रेम विवाह हाल की एक अपेक्षाकृत घटना है। प्रेम विवाह बजाय कर्तव्य के, स्नेह के एक साझा जीवन के आधार पर होना चाहिए यह विचार सबसे पहले अपने लोकप्रिय उपन्यास जूली, जो १७६१ में जीन जैक्स रूसो (Jean-Jacques Rousseau) द्वारा व्यक्त की गई थी। यह उभर्ते हुए रोमेन्ट्सिज़म् द्वारा भी उठाया गया था।

Heloïse et d'Abélard

सन्दर्भ

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