प्राकृतिक न्याय
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प्राकृतिक न्याय (Natural justice) न्याय सम्बन्धी एक दर्शन है जो कुछ विधिक मामलों में न्यायपूर्ण (just) या दोषरहित (fair) प्रक्रियाएं निर्धारित करने एवं उन्हे अपनाने के लिये उपयोग की जाती है। यह प्राकृतिक विधि के सिद्धान्त से बहुत नजदीक सम्बन्ध रखती है।
आम कानून में 'प्राकृतिक न्याय' दो विशिष्ट कानूनी सिद्धांतों को संदर्भित करता है-
- कोई भी व्यक्ति अपने ही मामले में न्यायधीश या निर्णायक नही रहेगा।
- दूसरे पक्ष की दलील को सुने बिना निर्णय नही दिया जायेगा।