प्राकृतिक आवृत्ति
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
किसी बाहरी चलाने वाले बल या डैम्प करने वाले बल की अनुपस्थिति में कोई निकाय जिस आवृत्ति पर कम्पन करता है उसे उस निकाय की प्राकृतिक आवृत्ति (Natural frequency) कहते हैं।
किसी भी प्रत्यास्थ वस्तु का स्वतंत्र कम्पन उसकी प्राकृतिक आवृत्ति पर ही होता है। स्वतंत्र कम्पन और प्रणोदित कंपन (forced vibration) से भिन्न है। प्रणोदित कम्पन की आवृत्ति लगाये गये वाह्य बल की आवृत्ति के बराबर होती है (प्राकृतिक आवृत्ति के बराबर नहीं)। किन्तु यदि लगाये गये वाह्य बल की आवृत्ति निकाय के प्राकृतिक आवृत्ति के बराबर (या बहुत पास) हो तो दोलन का आयाम कई गुना बढ़ जाता है। इसी को अनुनाद कहते हैं।
कुछ प्रमुख निकाय
- द्रव्यमान-स्प्रिंग निकाय
- <math>f_0 = \frac{1}{2 \pi} \sqrt{\frac{k}{m}}</math>
जहाँ
- k स्प्रिंग का स्प्रिंग-नियतांक है।
- m पिण्ड का द्रव्यमान है।।
- तनी हुई डोरी का कम्पन
- <math>f_0 = \frac{1}{2 \pi} \sqrt{\frac{T}{m}}</math>
जहाँ
- T डोरी का तनाव है।
- m डोरी की ईकाई लम्बाई का द्रव्यमान है।
- सरल लोलक
- <math>f_0 = \frac{1}{2 \pi} \sqrt{\frac{l}{g}}</math>
जहाँ
- l दोलक की लम्बाई है।
- g गुरुत्व जनित त्वरण है।
- <math>\omega _0 =\frac{1}{\sqrt{LC}}</math>