प्रसन्नता
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प्रसन्नता मानवों में पाई जाने वाली भावनाओं में सबसे सकारात्मक भावना है। इसके होने के विभिन्न कारण हो सकते हैं:
- अपनी इच्छाओं की पूर्ति से संतुष्ट होना।
- अपने दिन-रात के जीवन की गतिविधियों को अपनी इच्छाओं के अनुकूल पाना।
- किसी अचानक लाभ से लाभांवित होना।
- किसी जटिल समस्या का समाधान प्राप्त होना।
- दिन के कार्य के बाद परिजनों या दोस्तों की संगत।
- किसी परिजन या मित्र की कामयाबी।
- किसी मनोरंजक कार्यक्रम को दिलचस्प या मनमोहक पाना।
इन कारणों के अलावा भी कुछ लोग स्वभाव से हमेशा प्रसन्न रहने की कोशिश करते हैं और जीवन की हर चुनौती को सकारात्मक रूप से स्वीकार करते हैं। हँसी और मुस्कुराहट खुशिया के लक्षण हैं। इसी को खुशी भी कहते हैं।
प्रसन्नता के बारे में विद्वानों की राय
बुद्धिजीवियों की राय है कि कोई भी उन आतंरिक कारकों जैसे आत्मविश्वास, ध्यान, केंद्रित होना और संतुष्टि को आसानी जगा सकता है जो प्रसन्नता के लिए आवश्यक है। यही वह तत्व हैं जो कि संपूर्ण प्रसन्नता को जगा सकेगेंगे और यह मानव क्षमता और दूसरे मनुष्यों की मदद की भावना को भी जगा सकते हैं।[१]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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