प्रशस्ति
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किसी व्यक्ति या वस्तु की प्रशंसा में लिखा गया ग्रन्थ प्रशस्ति (eulogy) कहलाता है। प्रशस्ति वंश के बारे में भी बताती है, इनका प्रयोग राजा या बड़े प्रधान द्वारा की जाती थी, ये अपने आत्म सम्मान में बड़े-बड़े प्रशस्तिया लिखवाते थे,एसे ही प्रशस्ति हमें गुप्तवंश के पहले शासक चंद्रगुप्त की मिलती है।
- उदाहरण
- नासिक प्रशस्ति --(द्वितीय शताब्दी), सातवाहन राजवंश
- प्रयाग प्रशस्ति -- (चतुर्थ शताब्दी), गुप्त राजवंश
- वेव्लीकुदी शिलालेख -- (८वीँ शताब्दी), पाण्ड्य राजवंश
- देवपाड़ा प्रशस्ति -- (१२वीं शताब्दी), सेन राजवंश