प्रवेशद्वार:सिख धर्म/चयनित ग्रन्थ

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कृत युग में, विष्णु वासुदेव के रूप में अवतरित होते हैं: वाहेगुरु में अंग्रेज़ी अक्षर ‘V’ विष्णु की याद कराता है.

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द्वापर युग के असली गुरु हैं भगवान श्रीकृष्ण जिन्हें हरेकृष्ण भी कहते हैं: वाहेगुरु में अंग्रेज़ी अक्षर ‘H’ हरि या हरे कृष्ण की याद कराता है.

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त्रेता युग में राम हुए: वाहेगुरु में अंग्रेज़ी अक्षर ‘R’ राम की याद कराता है. उन्हें स्मरण करने से शांति और खुशी मिलती है.

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कलि युग में गोविंद नानक रूप में आये: वाहेगुरु में अंग्रेज़ी अक्षर ‘G’ गोविंद की याद कराता है. हमें सदा गोविन्द गोविन्द जपना फ़लदायक होगा.

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सभी चार युगों के जप पंचायन में समाविष्ट हैं. यानि जन साधारण की आत्मा में.

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इन चारों को जोड़ने पर हमें मिलता है Vahiguru यानि वाहेगुरु.

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फ़िर जीव अपने मूल यानि परमात्मा में लीन हो जाता है. ||1||

भाई गुरदास - वार 1 पौड़ी 49