प्रवेशद्वार:धर्म और आस्था/चयनित धर्म/9
यहूदी धर्म या यूदावाद विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से है, तथा यह एक इब्राहीमी एकेश्वरवादी धर्म है जो कि इस्राइल का राजधर्म भी है। इस धर्म में ईश्वर और उसके नबी यानि पैग़म्बर की मान्यता प्रधान है। इनके धार्मिक ग्रन्थों में तनख़, तालमुद तथा मिद्रश प्रमुख हैं। यहूदी मानते हैं कि यह सृष्टि की रचना से ही विद्यमान है। यहूदियों के धार्मिक स्थल को मन्दिर व प्रार्थना स्थल को सिनेगॉग कहते हैं। ईसाई धर्म व इस्लाम का आधार यही परम्परा और विचारधारा है।
बाबिल (बेबीलोन) के निर्वासन से लौटकर इज़रायली जाति मुख्य रूप से येरूसलेम तथा उसके आसपास के यूदा नामक प्रदेश में बस गया था, इस कारण इज़रायलियों के इस समय के धार्मिक एवं सामाजिक संगठन को यूदावाद कहते हैं। उस समय येरूसलेम का मंदिर यहूदी धर्म का केंद्र बना और यहूदियों को मसीह के आगमन की आशा बनी रहती थी। निर्वासन के पूर्व से ही तथा निर्वासन के समय में भी यशयाह, जेरैमिया, यहेजकेल और दानिएल नामक नबी इस यूदावाद की नींव डाल रहे थे। वे यहूदियों को याहवे के विशुद्ध एकेश्वरवादी धर्म का उपदेश दिया करते थे और सिखलाते थे कि निर्वासन के बाद जो यहूदी फिलिस्तीन लौटेंगे वे नए जोश से ईश्वर के नियमों पर चलेंगे और मसीह का राज्य तैयार करेंगे। अधिक पढ़ें…