प्रथम मोरक्को संकट
प्रथम मोरक्को संकट (First Moroccan Crisis या Tangier Crisis) मोरक्को की स्थिति को लेकर उत्पन्न अन्तरराष्ट्रीय संकट था जो मार्च १९०५ से मई १९०६ तक वर्तमान था। इस संकट के कारण जर्मनी के फ्रान्स और इंग्लैण्ड दोनो के साथ सम्बन्ध खराब हो गये तथा फ्रान्स तथा इंगलैण्ड में नया सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध बना।
1905 में कैसर विल्हेम द्वितीय ने मोरक्को के बंदरगाह टैनिजयर का दौरा किया एवं मोरक्को में फ्रान्सीसी प्रभाव की निंदा की। यह चाल हाल की आंग्ल-फ्रांसीसी मैत्री की शक्ति की जाँच करने के लिए परिकल्पित थी। इस दौरे ने एक अंतरराष्ट्रीय संकट को गंभीर बना दिया जो एल्जीसिराज सम्मेलन, 1906 में फ्रान्स के पक्ष में दूर हुआ था। इस संकट ने बि्रटेन व फ्रान्स के बीच पुनर्मिलन को दृढ़ किया। एडवर्ड सप्तम ने जर्मन कार्यों को इस घटना के लिये सबसे हानिकारक एवं अनावश्यक कहा, जिसमें जर्मन शासक सत्ता संभालने के समय से ही व्यस्त रहे हैं।