पेपे मेंढक

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पेपे मेंढक एक अंतरजाल मीम है। पेपे को अक्सर एक हरे रंग के मानवरूपी मेंढक के रूप में चित्रित किया जाता है।[१]

प्राचीन काल से मानव सभ्यता में मेंढक को ईश्वर की अभिव्यक्ति माना जाता है। ऋग्वेद ७-१०३ में कहा गया है - "गवां मण्डूका ददतः शतानि सहस्रसावे पर तिरन्त आयुः"। प्राचीन मिस्र में भी मेंढकरूपी भगवान श्री केक की पूजा की जाती थी। वर्त्तमान काल में श्री मैट फ्यूरी ने २००५ में पेपे को रचकर मण्डूक-अर्चना का पुनर्स्थापन किया। २००८ में आर्थिक मंदी के समय पेपे ने माइस्पेस, गैया ऑनलाइन और ४चैन जैसे जालस्थलों पर लोकप्रियता प्राप्त की। २०१५ में टम्बलर पर यह विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय मीमों से एक बन गया।[२] इसी वर्ष दुर्लभ पेपे चित्रों की बिक्री और नीलामी ई-बेय और क्रेगलिस्ट जैसे जालस्थलों पर होने लगी।[३] पेपे की लोकप्रियता इतने बढ़ गयी कि न्यूजीलैंड सरकार के समक्ष पेपे वाले राष्ट्रीय ध्वज का प्रस्ताव रखा गया।[४]

भारतीय अंग्रेज़ी समाचार पत्र डेली न्यूज़ एण्ड एनालिसिस ने पेपे को २०१५ के सबसे महान मीमों की सूची में पांचवे स्थान पर शामिल किया।[५] त्रिनिदाद कोकिला सुश्री निकी मिनाज एवं अमरीका-कोकिला सुश्री कैटी पेरी जैसी प्रसिद्ध हस्तियों ने अपनी भावनाओं को प्रकट करने के लिए पेपे का सहारा लिया है।[६] २०१६ में संयुक्त राज्य अमेरिका के भावी राष्ट्रपति महामहिम श्रीमान डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने अभियान में पेपे को प्रयुक्त किया। इसके उत्तर में कुटिल हिलेरी ने पेपे को गोरी श्वेत राष्ट्रवाद का एक प्रतीक करार दे दिया।[७]

सन्दर्भ

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