पेंसिल
पेंसिल लिखने या चित्र बनाने के काम आती है। इसमें एक आसानी से सरकने वाली पतली छड़ होती है जो प्रायः ग्रेफाइट की बनी होती है जो कागज पर घिसकर अपने रंग के अनुरूप एक निशान छोड़ जाती है। सामान्यतः इस छड़ को दो लकड़ी के तुकडों के बीच दबाकर उनसे गोंद से जोड़ा जाता है।
बाज़ार में कई प्रकार के पेंसिल उप्लब्ध हैं। ग्रेफाइट पेंसिल के कई "ग्रेड" होते हैं जैसे 9H से ले कर H तक, F, HB, और B से ले कर 10B या 12B तक। H का "hard" एवं B का मतलब "black" से होता है।
ग्रेड
छड़ चूर्णित ग्रेफाइट और चिकनी मिट्टी (मृत्तिका) के मिश्रण से बनती है। 9H या 10H तक के छड़ो (जो सबसे कठोर ग्रेड हैं) मे चिकनी मिट्टी कि मात्रा ग्रेफाइट से कई ज्यादा होती है। जैसे जैसे ग्रेड H के तरफ़ आती है, मिट्टी की मात्रा घटती जाती है और ग्रेफाइट की बढती जाती है। इसी तरह से 9B या 10B (अति मृदु) के छड़ों मे ग्रेफाइट कि मात्रा मिट्टी से कई ज्यादा होती है, और B मे कम होती है। HB पेंसिल मे दोनों कि मात्रा लगभग समान होती है।
- ग्रेडों के अनुसार पेंसिल विभिन्न प्रकार की हैंं।
(१) कठोर: 10H, 9H, 8H, 7H, 6H, 5H, 4H। इनसे हल्की धूसर रंग के रेखाएं बनती है। हल्की व महीन रेखाओं को खींचने के लिए कठोर ग्रेड की पेंसिलों को उपयोग में लाया जाता है।
(२) मध्यम: 3H, 2H, H, F, HB, B ।
(३) मृदु: 2B, 3B, 4B, 5B, 6B, 7B, 8B, 9B, 10B । इनसे काली रेखाएं बनती है। 10B पेंसिल से बनी रेखाएं अन्य मृदु ग्रेडों से अधिक कृष्णवर्णीय होती है।