पूरे उदई

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Purey udai Gonda

पूरे उदई ग्राम सभा, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के गोण्डा ज़िला के झंझरी ब्लाक में है। यह जिला मुख्यालय गोण्डा से कटरा रोड पर कचेहरी रेलवे स्टेशन से मात्र ३ किलोमीटर कि दूरी पर केन्द्रित हैं। भौगोलिक दृष्टी से देखें तो ग्राम सभा की सीमा ३ मुख्य गाँव से लगती है, पूर्व व दक्षिण में केशवपुर पहड्वा, पश्चिम में फिरोजपुर तरहर व उत्तर में पूरेललक (जो कि २०२० तक ग्राम सभा पूरेउदई का हिस्सा थी),

२०११ जनसख्या रिकॉर्ड के अनुसार कुल क्षेत्रफल 84.38 hectares है व कुल जनसंख्या १४३६ थी जो कि अनुमानतः जनवरी २०२१ तक १८५० होगी | ग्राम सभा पूरे उदई में ज्यादा से ज्यादा खेतिहर व छोटे किसान है मगर इसका ये अर्थ नहीं कि शिक्षित लोगों कि कमी है, अगर बात करें ग्राम सभा पूरे उदई से जुड़े लोगों कि तो सरकारी, गैर सरकारी व निजी संस्थानों में सभी जगह ग्राम सभा के लोगों कि मौजूदगी मिलेगी जिनमे कुछ क्षेत्र व पद निम्न है- जैसे अधिवक्ता, अभियंता (Engineers) व contractors (ठेकेदार) {सभी क्षेत्रों में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, केमिकल, इलेक्ट्रोनिक्स, इन्फोर्न्यमेशन टेक्नोलॉजी व अन्य}, डॉक्टर, बैंक कर्मी, रेलवे, पुलिस, आर्मी, नलकूप, खाद्यान, शिक्षा, सचिवालय, चिकित्सा, पोस्ट ऑफिस व न्यायालय साथ ही साथ गाँव से ही जुड़े लोग कुछ निजी व गैर सरकारी संस्थाओ में देश कि राजधानी दिल्ली, भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई व कुछ अन्य बड़े शहरों जैसे पुणे, बैंगलोर, गुडगाँव, लखनऊ व अन्य स्थानों पर निर्देशक व उच्चतम पदों पर भी कार्यरत है |

वैसे तो ग्राम सभा का कोई बहुत पुराना इतिहास नहीं मिलता मगर गाँव का पुराना रिश्ता भारत देश की आजादी में कठोर जंजीरों से बंधा है, स्व. श्री सत्यनारायण पाण्डेय (नेता जी) स्वतंत्रता सेनानी रहे जिनको देश कि आजादी के लिए जेल भी जाना पड़ा था वह ग्राम सभा पूरे उदई की शान थे व आज भी लोगों के दिलो में हैं | मगर आजादी के कुछ वर्षों बाद भी पूरे उदई गाँव विकास के अभाव में रहा लेकिन 1885-86 के साल में विकास का बेडा उठाया स्व: श्री विशम्भर नाथ शुक्ला जी ने तब-जब गाँव कि जनता ने उन्हें प्रधान पद के लिए चुनाव जिताया, जिनके संघर्षों से प्रथम बार गाँव पूरे उदई में विद्युतीकरण, पेय जल, शिक्षा व्यवस्था के लिए स्कूल, गाँव में उचित रास्तो का निर्माण, गाँव के अभिन्न अंग "लाला पुरवा व गूदरपुरवा" के लिए पड़ोसी ग्राम सभा से मिलकर साझा रास्ते का निर्माण व भविष्य को देखते हुए लोगों का विस्थापन/पट्टा रहने के लिए मकान व आज के दिनों में सभी ग्रामवासियों के प्रयोग में आने वाली पूरेउदई गाँव की रिंग रोड (केशवपुर पहड्वा सीमा (पूर्व) से फिरोजपुर सीमा (पश्चिम) को जोड़ने वाली गाँव के दक्षिण से) का निर्माण व व्यवस्था हुई. मगर गाँव का दुर्भाग्य रहा कि १९९५-९६ में परसीमन के दौरान पूरेललक को पूरे उदई में जोड़ दिया गया और प्रधानी पूरेउदई से चली गई जिसका कारण रहा कि गाँव के विकास की रफ़्तार धीमी पड़गई, फिर भी ग्रामवासियों ने विगत कुछ वर्षों में बच्चों की शिक्षा पर विशेष महत्व दिया है जिसमे अपनी भूमिका निभाता है, प्राइमेरी, कन्या पाठशाला व जूनियर हाई स्कूल "पूरे उदई" ने, महाराजा देवी बक्श सिंह इंटर कॉलेज "पूरे ललक" व कृष्णा इंटर कॉलेज ने, जहाँ पर गाँव कि 80 % जनता अपने बच्चों को पढ़ाती है व कुछ बच्चे शहर के स्कूलों में जाते हैं जैसे सरस्वती विद्या मदिर, रघुकुल विद्यापीठ, सेंट जेविओर्स व अन्य | लेकिन अगर महिला शशक्तिकरण की बात करें तो year 1966 में श्री मती पद्मावति जी ग्राम सभा की पहली लड़की थीं जिन्होंने चेम्बरस मेमोरीयल स्कूल से अपनी शिक्षा शुरू की थी व यही वह पहली महिला है जिन्होंने गोण्डा जिले की शान आईटीआई ( indian telephone industry) को भी Join किया था व सितंबर २०२० में सेवानिवृत्त हो गई। साथ ही अगर बात करें अच्छी शिक्षा की तो श्री रामानन्द पाण्डेय जी, श्री छैल बिहारी शुक्ला जी, स्व श्री रामधन शुक्ला जी, स्व श्री तिलक राम शुक्ला जी को कभी नहीं भुलाया जा सकता जिन्होंने ग़रीबी के दिनो में भी अच्छी शिक्षा ग्रहण की व सरकारी संस्थानो मे जैसे बैंक, विद्युत विभाग व दूरसंचार विभाग मे उच्च पदों पर रहे, श्री रामानंद जी ने तो ज़मीन पर कोयले से लिखकर पढ़ाई की व पहले ग्राम सभा के व्यक्ति हैं जिनको अपनी higher education के दौरान स्वर्ण पदक मिला। अभी तो कई सारे गाँव के छात्र व छात्राएँ हैं जिनको पढ़ाई के दौरान स्वर्ण पदक मिला है। यहाँ तक की गाँव के छात्र तो Leads University London से भी अपनी पढ़ाई की है।

मगर अभी के दिनों में उच्च शिक्षा के लिए मुख्यालय में स्थित लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय अधिकतम युवाओ को प्रेरित करता है | साथ साथ पूरे उदई गाँव ने महाविद्यालय को दो बार अध्यक्ष भी दिया है|

ग्राम सभा में पिछले कुछ वर्षों में अध्यात्म का कार्य भी सम्पन्न हुआ जिसके लिए एक कमेटी है जो की समय-समय पर यज्ञ, भागवत कथा व दुर्गा पूजा का आयोजन करती है, जिसमें सभी ग्राम सभा के लोग यथासम्भव सहयोग देते हैं, पूजा पाठ के लिए कुछ स्थान निम्न है- दुर्वाशा बाबा, मरीमाता, सीताराम मन्दिर, काली थान (लाला पुरवा) व दुर्गा मन्दिर (गूदर पुरवा) इत्यादि हैं.

जल संयोजन के लिए गाँव के पूर्व व पश्चिम दोनो तरफ़ तालाब है जो बारिश के दिनों में पूरा भरा होता है।

चूँकि पिछले कुछ वर्षों में ग्राम सभा में ज़रूरत के अनुसार कार्य नहीं हुए तो गाँव की सड़क़ो व नलियों का ख़स्ताहाल है लेकिन कहावत है “भगवान के घर देर है अंधेर नहीं”।

जिसका उदाहरण है वर्ष २०२०-२१ पुन: ग्रामसभा के लिए एक नई उर्जा लेकर आया, गाँव का परिसीमन पुनः होने के बाद पूरे उदई से पूरे ललक अलग हुआ व ग्राम सभा १९९५ की भांति अपने पूर्व रूप में आई व चुनाव में श्री अनूप शुक्ला (पौत्र स्व श्री विशम्भर नाथ शुक्ला) को जनता ने चुना|

ग्राम सभा के वर्त्तमान प्रधान श्री अनूप शुक्ला (दद्दन भैया) एक सामान्य विचार धारा, शिक्षित व दूरदर्शी व्यक्ति है, जिनका मकसद ग्राम सभा में रुके पड़े हुए विकास की गति को बढ़ाना है, ग्राम में शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य, सफाई व पेय जल पर उनका विशेष ध्यान होगा।