पूरन सिंह कोली
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तोपची पूरन सिंह जी कोली | |
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जन्मजात नाम | पूरन सिंह |
जन्म | साँचा:br separated entries |
देहांत | साँचा:br separated entries |
निष्ठा | मराठा साम्राज्य |
सेवा/शाखा | झांसी सेना |
उपाधि | तोपची |
युद्ध/झड़पें | १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम |
सम्बंध | झलकारी बाई (पत्नी) |
पूरन सिंह कोली झांसी रियासत की सेना मे तोपची था एवं १८५७ की क्रांती की महानायीका झलकारी बाई का पति था।
कोली का जन्म झांसी के गांव नयापुरा मे एक कोली परिवार में हुआ था। ६ जून १८५७ को ब्रिटिश सरकार और झांसी सेने के बीच युद्ध हुआ जिसमे किले के उन्नाव दरवाजे पर कोली ने मोर्चा संभाला लेकिन कुछ समय के संधर्स के पश्चात कोली शहिद हो गए।[१][२] कोली युद्ध अभ्यास के पश्चात झलकारी बाई को भी अभ्यास करवाया करते थे जिसके फलस्वरूप झलकारी बाई झांसी की महिला सैन्य टुकड़ी दुर्गा दल की सेनापति बन गई।[३] जब युद्ध के दौरान कोली वीरगति को प्राप्त हो गए थे तो उनके पश्चात उनकी पत्नी झलकारी बाई ने मोर्चा संभाला था।[४]