पित्त
Jump to navigation
Jump to search
पित्त दोष
शरीर में पित्त अग्नि का प्रतिनिधि है। भोजन का पाक और आहार के तत्वों का विघटन करके रस धातुओं आदि को रूप देता है, जिससे धातुयें पुष्ट होती है। पित्त द्वारा रक्त, त्वचा आदि अंगों को रंजक वर्ण प्रदान किया जाता है। पित्त हृदय पर स्थिति श्लेष्मा को दूर करता है। अपक्व अवस्था मे पित्त शरीर में अम्ल और अम्लपित्त जैसी तकलीफें पैदा करता है।