पितृवंश समूह के(ऍक्सऍलटी)

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चित्र:MNOPS after DECF (CT).jpg

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह के (ऍक्सऍलटी) या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप K(xLT), जिसे पहले पितृवंश समूह ऍमऍनओपीऍस या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप MNOPS बुलाया जाता था, एक पितृवंश समूह है।[१] यह पितृवंश स्वयं पितृवंश समूह के से उत्पन्न हुई एक शाखा है। विश्व में इसकी उपशाखाओं - ऍम, ऍनओ, पी और ऍस - के तो बहुत पुरुष मिलते हैं, लेकिन सीधा पितृवंश समूह के (ऍक्सऍलटी) का सदस्य आज तक कोई नहीं मिला है।[२] फिर भी वैज्ञानिकों का मानना है के इसे समूह के वंशज कभी ज़रूर रहे होंगे। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से लगभग ३५,०००-४५,००० वर्ष पहले मध्य एशिया या भारतीय उपमहाद्वीप में रहता था।

अन्य भाषाओँ में

अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:reflist

  1. Jacques Chiaroni, Peter A. Underhill, and Luca L. Cavalli-Sforza, "Y chromosome diversity, human expansion, drift, and cultural evolution," PNAS published online before print November 17, 2009, doi: 10.1073/pnas.0910803106
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