पितृवंश समूह ऍल
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मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में पितृवंश समूह ऍल या वाए-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप L एक पितृवंश समूह है। अनुमान है के जिस पुरुष से यह पितृवंश शुरू हुआ वह आज से २५,००० वर्ष पहले भारतीय उपमहाद्वीप का निवासी था।[१] इस पितृवंश समूह के सदस्य पुरुष ज़्यादातर भारत और पाकिस्तान में पाए जाते हैं। मध्य एशिया, मध्य पूर्व और दक्षिण यूरोप के भी कुछ पुरुष इस पितृवंश के वंशज हैं। सारे भारतीय पुरुषों में से ७%-२०% इसके वंशज हैं।[२] लगभग ७% पठान इसके वंशज हैं।[३] सीरिया के एक अल राक्क़ाह नाम के शहर के तो ५१% पुरुष इसके वंशज पाए गएँ हैं।[४]
अन्य भाषाओँ में
अंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ (Basu et al. 2003, Cordaux et al. 2004, Sengupta et al. 2006, Thamseem et al. 2006)
- ↑ साँचा:cite journal
- ↑ Mirvat El-Sibai et al."Geographical Structure of the Y-chromosomal Genetic Landscape of the Levant: A coastal-inland contrast"," 'Annals of Human Genetics (2009)