पिंजरा तोड़

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पिंजरा तोड़ (साँचा:langWithNameNoItals)  दिल्ली, भारत के कॉलेजों के छात्रों और पूर्व छात्रों का स्वतंत्र सामूह है जिस का प्रयास है कि महिला छात्रों के लिए हॉस्टल और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास नियमों में कम प्रतिगामी और प्रतिबंधात्मक बनाए जाएँ, और उन्हें सार्वजनिक स्थानों को पुनः प्राप्त करने के लिए मदद की जाए। [१][२][३]

पृष्ठभूमि

यह अगस्त, 2015 में शुरू किया गया था और कई कॉलेजों, विशेष रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के जामिया मिलिया इस्लामिया, अम्बेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली, लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन, दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय से छात्रों की  सक्रिय भागीदारी देखने में आई है। इस आंदोलन ने देश भर में, कई कॉलेजों, जैसे एनआईटी कालीकट, आईआईटी-रुड़की, पंजाबी यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ, अपने परिसरों में अपने परिसरों में कई मुद्दों को उठाने और महिलाओं को दरपेश पितृसत्तात्मक नीतियों के विरोध के लिए  पिंजरा तोड़ पहचान का उपयोग किया है। [४]

पिंजरा तोड़ ने हॉस्टल और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास में महिला छात्रों को दरपेश समस्याओं, जैसे कर्फ्यू, नीतियां जो केवल महिलाओं के लिए लागू होती हैं,[३] नैतिक पुलिसिंग,[५] महिलाओं के हॉस्टल के लिए उच्च कीमतों, [२][६] और बहुत सी के समाधान के लिए लोगों को लामबंद किया है। यह सुनिश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है कि विश्वविद्यालयों में 2006 में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार एक यौन उत्पीड़न समिति स्थापित की जाए।[४]

गतिविधियां

2016 में, पिंजरा तोड़ ने दिल्ली में कई महिलाओं के हॉस्टलों में भेदभावपूर्ण नियमों के बारे में महिलाओं के लिए दिल्ली आयोग (डीसीडब्ल्यू) को एक रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद डीसीडब्ल्यू ने 23 विश्वविद्यालयों और दो संस्थानों को नोटिस जारी किया।[६][७] डीसीडब्ल्यू ने सात महाविद्यालयों को नोटिस जारी किया है कि पुरुषों और महिलाओं के लिए छात्रावास कर्फ्यू के समय अलग क्यों हैं।[४]

13 फरवरी, 2017 को साहित्य कला परिषद द्वारा आयोजित एक थियेटर उत्सव में अपने नाटक में 'ब्रा' और 'पेंटी' जैसे शब्दों के इस्तेमाल के लिए कमला नेहरू कॉलेज की थियेटर सोसायटी, लक्ष्वाय की अयोग्यता के बाद, पिंजरा तोड़ के सदस्यों ने अयोग्यता के विरोध में 'ए ओड टू ब्रा, पेंटी और साहित्य कला अकादमी' नाम का एक शो किया। उन्होंने महिलाओं के अंडरगारमेंट्स के कलंकित करने का विरोध करने के लिए प्रदर्शन के पश्चात श्री राम सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स की बाहरी दीवार पर ब्रा लटका कर वहीँ छोड़ दिए। [८]

विवाद

21 सितंबर, 2015 को, पिंजरा तोड़ के दो महिला कार्यकर्ताओं ने, दिल्ली यूनिवर्सिटी नॉर्थ कैम्पस में लोकतंत्र की दीवार पर पोस्टर चिपकाने के लिए एक व्यक्ति से फोन कॉल प्राप्त किया जो सत्यवती कॉलेज का छात्र और अखिल भारतीय विद्या परिषद (एबीवीपी) के सदस्य होने का दावा कर रहा था। उस व्यक्ति ने दो छात्रों को मारने पीटने की धमकी दी, अगर वे कभी फिर ऐसे पोस्टर लगाते हैं। एबीवीपी ने इस बात से इनकार किया कि फोन करने वाले के पास संगठन की ओर से बोलने का कोई अधिकार था, और कहा कि उन्हें पिंजरा तोड़ या इसके द्वारा पोस्टर लगाने पर कोई आपत्ति नहीं थी। पिंजरा तोड़ ने एक एफआईआर दाखिल करके और एक नए पोस्टर के साथ जवाब देते हुए कहा, "आप दीवारों को लॉक नहीं कर सकते।" [५] 31 may 2020 दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने जाफराबाद में हुए दंगों के मामले में पिंजरा तोड़ की मेंबर नताशा को UAPA एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है. स्पेशल सेल नताशा से पूछताछ कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में पता चला है कि नताशा पर जाफराबाद में दंगों की साजिश को रचने की जिम्मेदारी दी गई थी. एंटी CAA प्रोटेस्ट को लेकर महिलाओं को भड़काने और जगह जगह सुनियोजित तरीके से ऐसे प्रदर्शन शुरू करवाने में पिंजरा तोड़ ग्रुप की अहम भूमिका निकली, नताशा और देवांगना की PFI के कई लोगों समेत दंगों से जुड़े लोगों के साथ कई बार मीटिंग हुई जिसमें नताशा और देवांगना समेत दूसरे पिंजरा तोड़ के लोगों को भावनाए भड़काने और माहौल गरम करने को बोला गया. एंटी CAA प्रोटेस्ट जब लंबा हो गया और इनका मकसद पूरा नहीं हो पाया तो एक खास मीटिंग में नताशा और देवांगना समेत दूसरे पिंजरा तोड़ के सदस्यों को नया काम सौंपा गया नताशा को जाफराबाद दंगों की साजिश रचने की जिम्मेदारी दी गई. इसी तरह दूसरी पिंजरा तोड़ लड़कियों को दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में ऐसी ही जिम्मेदारियां दी गई इनका काम इलाके की महिलाओं को भड़काने के अलावा उनमें पुलिस प्रशासन को लेकर डर पैदा करना और भरोसा खत्म करना था जिसके लिए अफवाहें फैलाई गईं और इसी के चलते पुलिस अधिकारियों और टीम पर दंगो में हमला हुआ. पिंजरा तोड़ का काम दंगो के लिए स्थानीय लॉजिस्टिक सप्लाई करने वालों की मुलाकात महिलाओं से करवाना भी था. इस पूरे खेल में मोटी फंडिंग हुई थी. दिल्ली दंगे और एंटी CAA प्रोटेस्ट और पिंजरा तोड़ को होने वाली फंडिंग के सोर्स एक ही हैं पुलिस अब पूछताछ में मीटिंग्स के डिटेल्स और मीटिंग्स में मौजूद लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है. पूछताछ में एक अहम जानकारी सामने आई है कि पिंजरा तोड़ ग्रुप में सिर्फ लड़कियां ही नहीं, लड़के भी शामिल हैं जिनका रोल दिल्ली दंगों और पूरी साजिश में रहा है. इनके बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है. क्राइम ब्रांच ने दरियागंज में पुलिस पर पथराव और आगजनी के मामले में भी नताशा और देवांगना को गिरफ्तार किया है Source -:shorturl.at/coqxB

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

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