पाउना ब्रजबासी
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पाउना ब्रजबासी | |
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नाम | पाउनम नावोल |
जन्म | साँचा:br separated entries |
देहांत | साँचा:br separated entries |
निष्ठा | मणिपुर राज्य |
उपाधि | Major |
पाउना ब्रजबासी एक मणिपुरी सेनानायक थे।[१] उनका जन्म 1833 में हुआ था। बाद में उन्होंने मणिपुर साम्राज्य की सेना में प्रवेश किया। सन् 1891 तक मेजर के पद पर पहुंच गए। उसी वर्ष ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध युद्ध (आंग्ल-मणिपुर युद्ध) में उन्होने अपनी वीरता का प्रदर्शन किया। अंग्रेजों के साथ झड़प में अपने सैनिकों की हार के बाद, शत्रु पक्ष ने प्रस्ताव दिया था कि यदि ब्रजबासी उनकी तरफ से लड़ने को तैयार हों तो उन्हे जीवनदान दिया जा सकता है। ब्रजबासी ने इसे अस्वीकार कर दिया और अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। उनका यह सुकृत्य मणिपुर के लोकजीवन में गहराई तक प्रविष्ट कर गया है। उनकी स्मृति को अविरल बनाये रखने के लिये उनकी एक प्रतिमा स्थापित की गयी है।[२]