परिधि

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मोटे तौर पर वृत्त और दीर्घवृत्त के बाहरी घेरे को, और घेरे की लम्बाई को परिधि कहते हैं। किन्तु इसका सामान्यीकरण करते हुए किसी भी बन्द वक्र के किनारों की कुल लम्बाई (परिमाप) को 'परिधि' कहा जाता है।[१] अर्थात परिधि, परिमाप की एक विशिष्ट अवस्था है। तीन या अधिक सरल रेखाओं से घिरे किसी बहुभुज की सभी भुजाओं की लम्बाई का योग परिमाप कहलाता है जबकि जबकि किसी 'कोणरहित' बन्द वक्र के बाहरी घेरे की कुल लम्बाई परिधि कहलाती है। वृत्त की परिधि ज्यामितीय और त्रिकोणमितीय अवधाराणओं में महत्वपूर्ण है।

वृत्त की परिधि

परिधि (C) का कोणीय चित्रण जिसमें, व्यास (D) नीले रंग में, त्रिज्या अथवा अर्द्धव्यास (R) लाल रंग में और केन्द्र अथवा मूल बिन्दु (O) मैजेंटा रंग में हैं। परिधि = साँचा:pi × व्यास = 2 × साँचा:pi × त्रिज्या

वृत्त की परिधि उसके चारों ओर की लम्बाई होती है। यह कथन किसी भौतिक वस्तु के लिए काम में लिया जाता और किसी अमूर्त ज्यामितीय सरंचना के लिए भी उपयुक्त है।

जब वृत्त की त्रिज्या 1 हो तो उसकी परिधि 2साँचा:pi होती है।
जब वृत्त का व्यास 1 हो तो उसकी परिधि साँचा:pi होती है।

पाई के साथ सम्बन्ध

किसी वृत्त की परिधि गणित में सभी गणितीय नियतांकों में से सबसे महत्वपूर्ण एक को सम्बद्ध करता है। नियतांक पाई, ग्रीक अक्षर पाई (π) से निरुपित किया जाता है। इसका संख्यात्मक मान 3.14159 26535 89793 ... है और यह वृत्त की परिधि और व्यास के अनुपात के बराबर होता है।

परिधि <math>c</math>, व्यास <math>d</math> और त्रिज्या <math>r</math> के सम्बन्ध को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है:

<math>{C}=\pi\cdot{d}=2\pi\cdot{r}\!</math>

गणितीय नियतांक साँचा:pi का गणित, अभियांत्रिकी और विज्ञान में उपयोग सर्वव्यापी है।

दीर्घवृत्त की परिधि

दीर्घवृत्त की परिधि की लम्बाई लगभग <math>\pi \sqrt{2(a^2 + b^2)}</math> के बराबर होती है।

<math>C_{\rm{ellipse}} \sim \pi \sqrt{2(a^2 + b^2)}</math>

यहाँ a और b क्रमशः दीर्घ अक्ष और लघु अक्ष की लम्बाई के आधे हैं।

किसी भी बन्द वक्र की परिधि की लम्बाई
<math>C = \int_{0}^{2\pi} r d\theta\ </math>

सन्दर्भ