परशुराम कुंड
परशुराम कुंड | |
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Parshuram Kund | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
देवता | परशुराम |
त्यौहार | मकर संक्रान्ति |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | लोहित ज़िला |
राज्य | अरुणाचल प्रदेश |
देश | साँचा:flag/core |
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भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
निर्माता | साँचा:if empty |
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परशुराम कुण्ड को प्रभु कुठार के नाम से भी जाना जाता है। यह अरुणाचल प्रदेश के लोहित ज़िले की पूर्वोत्तर दिशा में २४ किमी की दूरी पर स्थित है।[१][२] लोगों का ऐसा विश्वास है कि मकर संक्रांति के अवसर परशुराम कुंड में एक डूबकी लगाने से सारे पाप कट जाते है।[३]
विवरण
इस कुण्ड से भगवान परशुराम की कथा जुड़ी हुई है। एक बार ऋषि जमादग्नि की पत्नी रेणुका ऋषिराज के नहाने के लिए पानी लेने गई। किसी कारणवश उसे पानी लाने में देर हो गई तब ऋषिराज ने परशुराम को अपनी माता का वध करने के लिए कहा। पिता की आज्ञानुसार परशुराम ने अपनी माता का वध कर दिया। तब परशुराम ने मातृ वध के पाप से मुक्त होने के लिए इस कुण्ड में स्नान किया था। तभी से यह कुण्ड स्थानीय निवासियों में लोकप्रिय हो गया।
समय के साथ यह स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों में भी लोकप्रिय हो गया। अब यह कुण्ड लोहित की पहचान बन चुका है। हजारों तीर्थयात्री प्रतिवर्ष १४ जनवरी को मकर संक्रान्ति के दिन इस कुण्ड में स्नान करने आते हैं। अरूणाचल प्रदेश सरकार ने पर्यटकों की सुविधा के लिए अनेक सुविधाओं को उपलब्ध कराया है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ आदर्श ब्रह्मचारी, अतुल पराक्रमी श्री परशुरामसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। अमर उजाला पर
- ↑ अरुणाचल प्रदेश स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। भारत सरकार के आधिकारिक जालस्थल पर
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।