परखनली
परखनली प्रयोगशाला में तत्वों के मुख्यतः तरल अवस्था में परख ने हेतु उपयोग किया जाता है। यह सीसे अथवा साफ प्लास्टिक का बना होता है। इसके ऊपर का भाग खुला होता है और नीचे का भाग लैटिन लिपि के "U" आकार का होता है। इसे किसी भी प्रकार के तत्व के परीक्षण के लिए बनाया जाता है। चूँकि काँच अथवा साफ प्लास्टिक में अवलोकन करना सरल होता है और साथ ही कई प्रकार के अम्ल का प्रभाव भी नहीं पड़ता है।[१]
उपयोग
इसका उपयोग मुख्यतः रसायन विज्ञान में तत्वों और रासायनिक अभिक्रिया का अवलोकन हेतु किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग कई प्रकार के जाँच में भी किया जाता है। जैसे किसी के रक्त की जाँच आदि। वैज्ञानिक इसका उपयोग अपने अनुसंधान, प्रयोग एवं मापन के कार्य हेतु करते हैं। इसमें दिये चिन्ह के द्वारा कितना तरल पदार्थ डाला गया है, उसका पता चल जाता है।[२]
निर्माण
परखनली भौतिकी और रसायन दोनों में ही उपयोग किया जाता है। काँच का सीधा आकार होने पर उसे गर्म करने पर उसमें दरार पड़ कर वह टूट जाता है। इस कारण इसके तल को कटोरे के समान बनाया जाता है। जिससे यह गर्म होने पर न टूट सके। इसके अलावा इसके ऊपर में एक गोल छल्ला होता है। जिससे हम उसे एक अन्य उपकरण के माध्यम से पकड़ कर उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं। इससे गर्म करने में भी आसानी होती है। इसके कारण कोई भी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान हमारे हाथ इससे सुरक्षित दूरी पर होते हैं।
सावधानी
प्रयोगशाला में इसके उपयोग हेतु कुछ सावधानी रखनी पड़ती है। जैसे इसे पकड़ते समय निश्चित दूरी से ही इसे पकड़ना चाहिए। इसे पकड़ने के उपकरण को अच्छी तरह कस कर ही इसे उठाना चाहिए। इसके उपयोग से पूर्व इसे अच्छी तरह से धो कर उसे एक और तरल पदार्थ जो आप उसमें मिला कर प्रयोग करना चाहते हैं, उसे मिलाकर एक बार धो लेना चाहिए। ताकि प्रयोग में कोई और तत्व द्वारा प्रभाव न पड़े। कार्य पूर्ण हो जाने के बाद उसे धो कर अपनी जगह पर रख देना चाहिए।