पबना विद्रोह
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१९वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बंगाल के पबना नामक स्थान में किसानों ने जमींदारों द्वारा शोषण के विरुद्ध विद्रोह किया था, जिसे पबना विद्रोह कहते हैं ! इसका नेत्रित्व सुरेन्द्र नाथबनर्जी,आनन्द बोस, द्वारकानाथ गांगुली ने किया था!
पबना, राजशाही राज की जमींदारी के अन्दर था और यह वर्धमान राज के बाद सबसे बड़ी जमींदारी थी। उस जमींदारी के संस्थापक राजा कामदेव राय थे। पबना विद्रोह जितना अधिक जमींदारों के खिलाफ था उतना सूदखोरों और महाजनों के विरुद्ध नहीं थ। 1870-80 के दशक के पूर्वी बंगाल (अभी का बांग्लादेश) के किसानों ने जमींदारों द्वारा बढ़ाए गए मनमाने करों के विरोध में विद्रोहस्वरूप रोष प्रकट किया।