पद्माभरण

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पद्माभरण पद्माकर की एक काव्य-रचना है। इसमें 350 छंद हैं, जिनमें से अधिकांश दोहे और कुछ चौपाइयाँ हैं।[१][२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. उत्तर मध्यकाल (रीति काल : संवत् 1700-1900) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, "... ऐसा जान पड़ता है कि जयपुर में ही इन्होंने अपना अलंकार ग्रंथ 'पद्माभरण' बनाया जो दोहों में है।.."
  2. A History of Indian literature, Volume 8, Part 1, Ronald Stuart McGregor, Otto Harrassowitz Verlag, 1984, ISBN 978-3-447-02413-6.