नोट के लिए वोट कांड

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वर्ष २००८ में भारतीय संसद में घटित एक घटना जिसमें मनमोहन सिंह सरकार द्वारा विश्वास मत हासिल करने की बहस के दौरान भाजपा के तीन सांसदों ने संसद में एक करोड़ रूपए के नोटों की गड्डियों संसद में दिखाई थी। इन सांसदों का आरोप था कि मनमोहन सरकार ने समाजवादी पार्टी के अमर सिंह के माध्यम से उनके मत को खरीदने की कोशिश की थी।

२०११ में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर दिल्ली पुलिस इस मामले पर फिर से सक्रिय हुई और ६ सितंबर २०११ को अमर सिंह तथा भाजपा के दो सांसद तिहाड़ जेल भेज दिए गए।

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