नेपा लिमिटेड

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नपा लिमिटिड का एक अखबार।

नेपा लिमिटेड भारत में अखबारी कागज बनाने वाला भारत सरकार का सार्वजनिक क्षेत्र का अग्रणी उपक्रम है। यह मूलतः निजी उद्यमी द्वारा 1947 में चालू किया गया। वर्ष 1949 में मध्य प्रदेश सरकार ने प्रबंधन अपने हाथ में लिया और वर्ष 1959 में केन्द्र सरकार के अधीन होकर सार्वजनिक उपक्रम बना। नेपा लिमिटेड देश में प्रथम अखबारी कागज का कारखाना है।

नेपानगर, जिला बुरहानपुर मध्यप्रदेश, भारत पिन 450221, (मुम्बई से 526 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में मुख्य मध्य रेलवे लाईन पर स्थित है। जो नेपा को मुम्बई-भोपाल-नई दिल्ली को जोड़ती है।) भुसावल से 85 किलोमीटर एवं इन्दौर से 200 किलोमीटर।

इतिहास

नेपा भारत में अखबारी कागज बनाने वाली अग्रणी कम्पनी है। 30,000 टन प्रतिवर्ष की संस्थापित क्षमता के साथ अप्रैल 1956 में उत्पादन प्रारम्भ हुआ। इसका मुख्य कच्चामाल सलाई की लकड़ी एवं बाँस था, जो नेपानगर के चारों ओर के जंगलों में प्रचुरता से उपलब्ध था। सन् 1967 में मिल ने विस्तारीकरण का कार्य आरम्भ किया और बाद में वर्ष 1978 एवं वर्ष 1989 में इसकी संस्थापित क्षमता 88000 टन प्रति वर्ष की गई। वर्तमान में कम्पनी ने मूलतः वनोपज कच्चे माल से रद्दी कागज को मूल कच्चे माल की ओर मोड़ा और इसके कारण उत्पादन लागत कम करने योग्य बनी। पल्पिंग प्लान्ट में आंतरिक आधुनिकीकरण/बदलाव से भी विभिन्न गुणवत्ता के रद्दी कागज की प्रोसेसिंग कर अखबारी कागज का निर्माण किया। कम्पनी अपने निजी विद्युत उत्पादन से 100: मांग की आपूर्ति कर रही है।

मूलतः नेपा एकल उत्पाद कम्पनी थी, जो स्टैण्डर्ड अखबारी कागज बनाती थी। कम्पनी ने भारत में प्रथम बार 42 जी.एस.एम. के अखबारी कागज को प्रस्तुत किया जो व्यवहार में क्षमता, अपारदर्षिता, सरफेस स्मूथनेस, चमक इत्यादि के सभी अंतर्राष्ट्रीय मानदण्डों के अनुसार है। इसलिए अब नेपा समस्त श्रेणियों के अखबारी कागज ग्राहकों की मांग की पूर्ति करने योग्य है। नेपा ने हाल ही में पुराने समाचार पत्र ;व्छच्द्ध तथा अति प्रचालन समाचार पत्र ;व्प्छच्द्ध का उपयोग करते हुए इकॉनॉमी अखबारी कागज का निर्माण भी प्रारम्भ किया है। ताकि निचले स्तर के बाजार की आवष्यकता का प्रबंध कम लागत पर किया जा सके और कम चमक होने के बावजूद गुणवत्ता के प्रत्येक मानदण्डों को बनाए रखें।

बाहरी कड़ियाँ