नुएनगामे यातना शिवीर

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  • विषय परिचय
नुएनगामे यातना शिवीर मे काम करते कैदी

नुएनगामे यातना शिवीर ( Neuengamme Concentration Camp ) यह नाझी शासनकर्ता द्वारा बनाये गये विभिन्न यातना शिबिरो मे से एक है जो उत्तर जर्मनी मे स्थित है| जिसका मुख्य शिबीर नुएनगामे है और शेष ८५ से भी ज्यादा उप यातना शिबीर है| जिसकी स्थापना 1938 में हैम्बर्ग के बर्गडॉर्फ जिले में नुएनगामे के गांव के पास हुई थी ,  जो कि उत्तर पश्चिमी जर्मनी में सबसे बड़ा यातना शिविर बन गया। यह हैम्बर्ग के केंद्र से १५ किमी दक्षिण पूर्व में स्थित है। 100,000 कैदी नुएनगामे और उसके सबकेम्प्स से लाये गये, जिनमें से 24 शिवीर महिलावो के लिये थे । इस शिवीर मे मरणे वालो कि कुल संख्या 42900 थी जिसमे मुख्य शिवीर मे मारे गये 14000 थे, उप शिविरो मे मारे गये 12800 थे और मौत के कूच (Death Marches) और द्वितीय विश्वय्द्ध मे हुये बम्ब विस्फोट मारे गये कुल 16100 कैदी थे | | 1945 के द्वितीय विश्वय्द्ध मे जर्मनी हार गया जिसके बाद ब्रिटिश सेना ने एसएस और अन्य नाझी अधिकारियों के लिए एक आंतरिक शिविर के रूप में इस यातना शिवीर का उपयोग किया था । 1948 में, अंग्रेजों ने इस भूमि को हैम्बर्ग के फ्री हैन्सेटिक सिटी में स्थानांतरित कर दिया, जिसने कैंप की लकड़ी की बैरक को संक्षिप्त रूप से ध्वस्त कर दिया था और इसके  जेल  के अलग अलग ब्लॉक में बनाये गये | 1950 मे शिविर स्थल को जेल मे परिवर्तित किया गया था जो कि हम्बुर्ग प्रशासन के परिक्षेत्र मे आता था | इन यातना शिविरो मे जिंदा बचे लोगो और उनके साथियो द्वारा किये गये विरोध प्रदर्शन फलस्वरूप इसे नुएनगामे यातना शिवीर स्मारक के रूप मी स्वीकृती मिली |[१]

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