निज़ाम का राष्ट्रीय गान

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ता आबाद खालिक-ए-आलम तु रियासत रखे, तुझ को उस्मान बसद इजलाल सलामत रखे़़

जैसे तू फकर-ए-सलातीन है बफज़ल याज़्दान, यूँ ही मुमताज़ तेरा दौर-ए-हुकूमत रखे़

ाल ओ औलाद को अल्लाह दे उम्र-ए-खिज़री, उनसे आबाद तेरा खाना-ए-दौलत रखे़़

जोड़-ए-हातिम रहे शर्मिंदा-ए-अहसान तेरा, अद्ल-ए-खुसरो को खिजल तेरी अदालत रखे़़

ख़ानदाज़न सूरत-ए-गुल तेरे हवा खा रहें, आके क़दमों पे ादु फर्ख इतात रखे.

बन के साक़ी तेरे इकबाल निजाम-ए-साबै, तुझ को सदा काश खुंखाना इशरत रखे़़ [१][२]

इन्हें भी देखें

संदर्भ

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  2. साँचा:cite web