नास्तिक फ़िल्म महोत्सव

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नास्तिक फ़िल्म महोत्सव हर साल आयोजित होनेवाला अमरीका का और विश्व का पहला फ़िल्म महोत्सव है जिसमें फ़ीचर फ़िल्मों, वृत्तचित्रों, शॉर्ट्स और विशेष रूप से समुदाय के लिए बनाई गई एनिमेटेड फ़िल्मों को प्रदर्शित किया जाता है। इसे 2009 में शुरू किया गया था। इसकी स्थापना डेव फिजराल्ड़, हांक पेल्लिसियर और वेरोनिका चाटर द्वारा की गई थी।[१]

पांचवें वार्षिक नास्तिक फ़िल्म समारोह

सैन फ्रांसिस्को के रॉक्सी रंगमंच पर सितंबर 2013 में आयोजित पांचवें वार्षिक नास्तिक फ़िल्म समारोह में कुछ फ़िल्मों और घटना-सम्बंधित विषयों पर फ़िल्म और वृत्तचित्रों का प्रदर्शन किया गया था। इसमें वृत्तचित्र "रिविझ़नरीस (Revisionaries)" भी शामिल था जो आज के समय के ईसाई धर्मप्रचारकों के इतिहास को दिखा रहा था और उन्हें रोकने की कोशिश कर रहा था। "कुमारे: एक झूठे धर्मगुरु की सच्ची कहानी (Kumare: The True Story of a False Prophet)" विक्रम गांधी द्वारा निर्देशित फ़िल्म एक दूसरी पीढ़ी के अमरीकी भारती की कहानी है जिसे हिंदू मान्यता के साथ बढ़ा किया गया था पर वह फ़िल्म में दिखाए गए कारणों से धार्मिक आस्था खो देता है। यह बात पश्चिमी देशों के महान व्यक्तियों के अनुभवों के विप्रीत है जो भारतीय आध्यात्मिक चिन्तन से बहुत प्रभावित हुए हैं।[२]

सन्दर्भ