नान्जिन्ग की सन्धि
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प्रथम अफीम युद्ध में इंग्लैंड के हाथों पराजित होने के बाद सन 1842 ई⁰ में चीन को अंग्रेजों के साथ नान्जिंग की अपमान जनक संधि करनी पड़ेगी इस संधि में चीन को केंटन सहित पांच प्रमुख बंदरगाह अंग्रेजों को देने पड़े और 21 मिलीयन डॉलर्स युद्ध क्षतिपूर्ति के रूप में देनी पड़ी। चीन के व्यापारिक संस्था कोहांग के अधिकार को समाप्त कर दिया गया, चीन से आयात निर्यात होने वाली वस्तुओं पर समान कर लगाने के लिए बाध्य किया गया और अंग्रेजों को कानूनी ढंग से अफीम का व्यापार करने का अधिकार मिल गया।[१]
- ↑ Hoe, Susanna; Roebuck, Derek (1999). The Taking of Hong Kong: Charles and Clara Elliot in China Waters. Routledge. p. 203. ISBN 0-7007-1145-7स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।.