नाना फरारी
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नाना फरारी महाराष्ट्र से एक क्रांतिकारी था जिसने 1947 मे अंग्रेजी शासन के विरुद्ध संघर्ष किया था। नाना फरारी का जन्म महाराष्ट्र के एक कोली परिवार मे हुआ था एवं आज भी महाराष्ट्र के धर्मपुर, सुरगणा और पेठ मे नाना फरारी की कहानियां सुनीं जा सकती हैं।[१][२] 1947 मे देश आजाद होने के बाद भी नाना फरारी ने अपना संघर्ष जारी रखा। नाना फरारी ने जमाखोरी और मालसाजी के खिलाफ हथियार उठाए जिसके कारण 1947 मे नाना फरारी ने वनिया, पारसी और तेली जाती के बोहत से लोगों की नाक और कान काट दिए थे जिसके चलते महाराष्ट्र सरकार ने नाना फरारी को क्रांतिकारी का दर्जा ने देते हुए डकैत घोषित कर दिया[३] कई महीनो तक नाना फरारी को पकड़ने के लिए महाराष्ट्र पुलिस नाशिक और ट्रीम्बक मे नाना को ढूंडती रही[४] और एक दिन तोरागांव की मुठभेड़ में नाना फरारी मारा गया।[१][५][६]
संदर्भ
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