नन्नूल

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नन्नूल (तमिल: நன்னூல்) एक जैन तपस्वी द्वारा लिखित तमिल व्याकरण पर एक कृति है[१] जो 13वीं सदी ईसवी के नज़दीक पवनंती मुनिवर द्वारा लिखी गई।[२] तोल्काप्पियम के बाद लिखी गईं कृतियों में से यह तमिल व्याकरण में सबसे अहम कृति है। [३] यह कृति कोलार के पश्चिमी गंगा के जागीरदार राजा सीया गंगन को संरक्षण देने का श्रेय देता है।[४][५]

19वीं सदी ईस्वी तक नन्नूल पर लगभग 20 भाष्य लिखे जा चुके थे।[६] नन्नूल को पाँच खंडों में बाँटा था: लिखित भाषा, बोली जाने वाली भाषा, शब्दार्थ, काव्य भाषा, और अलंकारिक उपकरण। बाद के तीन खंड खो गए हैं, इसलिए आज सिर्फ़ लिखित और बोली जाने वाली भाषा के हिस्से मौजूद हैं।[७]

संदर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. "Nannūl". Bulletin of the Institute of Traditional Cultures. मद्रास विश्वविद्यालय: 181. January–June 1978. ISSN 0541-7562. OCLC 1714048. One of the Ganga kings, Seeya Gangan, a contemporary of Kulōttunga III got Bhavananti to compose present Tamil standard grammar Nannūl.
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।Paniker, K. Ayyappa (1997). Medieval Indian Literature: Surveys and selections. Sahitya Akademi. p. 527. ISBN 9788126003655. Retrieved 21 August 2020.
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।Sadasivan, M. P. (13 January 2011). "Nannūl" (in Malayalam). en:State Institute of Encyclopaedic Publications. Archived from the original on 20 August 2014. Retrieved 20 August 2014.