धर्म के सम्प्रदाय
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बौद्ध धर्म के सम्प्रदाय आशय बौद्ध धर्म के उन विभिन्न संस्थागत और सैद्धांतिक प्रभागों से है जो प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक किसी समय अस्तित्व में आये हैं। वास्तव में सैद्धांतिक, दार्शनिक या सांस्कृतिक पहलुओं के आधार पर बौद्ध धर्म को विभिन्न सम्प्रदायों में विभेदन अत्यन्त अस्पष्ट है और इनकी कई अलग-अलग तरीकों से व्याख्या की गई है। इसके अलावा इन संप्रदायों और उपसम्प्रदायों की विशाल संख्या (जो शायद हजारों में है) के कारण कारण भी बौद्ध धर्म का सम्प्रदायों में वर्गीकरण एक कठिन कार्य है।
पश्चिमी अंग्रेजी दृष्टिकोण प्रायः बौद्ध धर्म को मुख्य दो सम्प्रदायों में विभक्त करता है, [[