धड़ निरावरण

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धड़ निरावरण (टॉपलेस) उस अवस्था को कहते हैं जिसमें महिलाएँ कमर से ऊपर कोई वस्त्र धारण नहीं करती हैं। इस अवस्था में वे अपने स्तन उजागर करती हैं। 

प्रचलन

ईसाई मिशनरियों के आगमन से पूर्व अमेरिका, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत द्वीप समूह के पारंपरिक संस्कृतियों में धड़ निरावरण स्वीकार्य ही नहीं बल्कि व्यापक रूप से प्रचलित था।[१] मुसलमान आक्रमण के पहले विभिन्न एशियाई संस्कृतियों में भी स्त्रियां अपने वक्षों को सार्वजनिक स्थानों में आवृत नहीं करती थीं।[२]

सनातन संस्कृतियों में

भारत के कई भागों में भी धड़ निरावरण सामान्य था। मुसलमानों के आने से पहले तक गंगा के मैदानों से लेकर महाराष्ट्र तक कई स्त्रियां अपने स्तन नग्न रखती थीं।[३][४] केरल एवं तमिल नाडु की कई स्त्रियों में तो उन्नीसवीं एवं बीसवीं सदी तक धड़ निरावरण प्रचलित था।[५][६]

अन्य संस्कृतियों में

पश्चिमीकरण से पहले थाई महिलाएँ भी सार्वजनिक रूप से अपने स्तन खुले रखती थीं।[७] लाओस में भी १८५८ तक कुमारी एवं विवाहित महिलाएँ अपने स्तनों को आवृत नहीं करती थीं।[८] इंडोनेशिया के दायक, जावा एवं बाली क्षेत्रों में भी इसलाम के प्रचार तथा पश्चिमी संपर्क से पूर्व धड़ निरावरण सामान्य था। दायक में केवल बृहत्काय वक्षों एवं शिथिल स्तनों वाली महिलाएँ शर्म के मारे अपने वक्ष छुपाती थीं। [६]

मध्य पूर्वी देशों में 7 वीं शताब्दी से पूर्व धड़ निरावरण अरबी प्रायद्वीप, मिस्र, अश्शूर तथा मेसोपोटामिया में मान्य था। परन्तु तत्पश्चात् इस्लामीकरण के चलते इसे अस्वीकार्य माना जाने लगा। हालाँकि ट्यूनीशिया और मिस्र में विदेशी पर्यटकों को निजी समुद्र तटों पर धड़ निरावरण की अनुमति आज भी है।[९]

वैधता

वर्त्तमान कलियुग में कई देशों ने महिलाओं द्वारा धड़ निरावरण पर कानूनी प्रतिबन्ध लगा दिए हैं, जबकि पुरुषों को अपनी छाती दिखाने की खुली छूट है। वक्ष निरावृत करने पर महिलाओं को "सार्वजनिक अशिष्टता", "अश्लील प्रदर्शन", "सार्वजनिक अभद्रता" या "उच्छृंखल आचरण" जैसे अपराधों के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। [१०] 

वक्ष विमुक्ति आन्दोलनकारियों ने महिलाओं के प्रति इस अन्याय की कड़ी आलोचना की है। इस लैंगिक भेदभाव के विरुद्ध उन्होंने न्यायालयों में भी गुहार लगाई है। २००९ में स्वीडन के नारीवादी संगठन बारा ब्रोस्ट (विमुक्त वक्ष) के सदस्यों ने माल्मो नगर के तरण ताल में स्तन खुले रख कर तैराकी की। जब कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति व्यक्त की तो नगर प्रशासन की खेल और मनोरंजन समिति ने यह स्पष्ट किया की पुरुषों की भाँती महिलाओं को भी धड़ निरावरण का पूर्ण अधिकार है।[११][१२][१३] कुछ नारीवादी सगठनों ने राजनीतिक प्रदर्शनों के लिए भी धड़ निरावरण का उपयोग किया है। उदहारण के लिए यूक्रेन के विरोध समूह फेमेन ने २०१२ में दावोस में विश्व आर्थिक मंच में अपने स्तन दिखा कर प्रदर्शन किया।[१४]

सन्दर्भ

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  3. Hyecho. Wang ocheonchukguk jeon of AD 727
  4. A. L. Bhasham. "The Wonder That Was India" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. W. Crooke. "Nudity in India in Custom and Ritual", Journal of the Royal Anthropological Institute. 1919. p.239f
  6. Hans Peter Duerr. "Der Mythos vom Zivilisationsprozeß 4. Der erotische Leib"
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  8. M.H.Mouhot, "Travels in the Central parts of Indo-China, Cambodia and Laos" (1864)
  9. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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