द हार्टफुलनेस वे
लुआ त्रुटि: expandTemplate: template "italic title" does not exist।साँचा:template otherसाँचा:main other द हार्टफुलनेस वे का प्रथम संस्करण 2018 में प्रकाशित किया गया|[२] इस पुस्तक के लेखक कमलेश डी. पटेल एवं जोशुआ पोलॉक हैं| यह पुस्तक आध्यात्मिक रूपांतरण के लिए हृदय-आधारित ध्यान पद्धति के बारे में बताती है|[३][४]
पुस्तक के बारे में
इस पुस्तक में कमलेश डी. पटेल , जो ‘दाजी’ के नाम से जाने जाते हैं और हार्टफुलनेस वंश परंपरा के चौथे गुरु हैं-[५] वे आध्यात्मिक खोज की प्रकृति का अध्ययन करते हुए एक जिज्ञासु की यात्रा का वर्णन करते हैं| एक गुरु एवं शिष्य के बीच हुए वार्तालाप की शृंखला द्वारा दाजी, हार्टफुलनेस अभ्यास के सिद्धांतों एवं दर्शन का जोशुआ पोलॉक के समक्ष खुलासा करते हैं, जो एक हार्टफुलनेस अभ्यासी एवं प्रशिक्षक हैं|[६][७]
यहाँ जोशुआ, हर एक हृदय के मूल में बसे असली केन्द्र की खोज की पहल करते हैं तथा इसमें दाजी उनका मार्गदर्शन करते हैं| दाजी ध्यान के बारे में वर्णन करते हुए कहते हैं कि यह केवल अपनी आतंरिक-अवस्था को उसकी स्वाभाविकता में ले आना है, चाहे वह कोई भी अवस्था हो| ध्यान सहजता उत्पन्न करता है तथा जैसे-जैसे हम सहजता की ओर बढ़ते हैं, वह जो अस्वाभाविक है ,ढलने लगता है| लेखकों के अनुसार, इस पुस्तक में दिए गए प्रयोगात्मक तरीके को अपनाकर अनेक लोग इस तथ्य को स्वयं के लिए खोज पाए हैं|
यह पुस्तक अंग्रेज़ी, हिन्दी, तमिल, मलयालम, गुजराती, कन्नड एवं मराठी भाषाओं में उपलब्ध है|
प्रकाशन एवं विमोचन
‘द हार्टफुलनेस वे’ 2018 में भारत में वेस्टलैंड पब्लिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा,[८] तथा अमेरिका में रिवील प्रेस (न्यू हर्बिंगर पब्लिकेशन्स)[९] द्वारा प्रकाशित की गया है| इसके मूलशब्द एवं कॉपीराइट्स ‘हार्टफुलनेस इंस्टिट्यूट, टेक्सास ,USA की सम्पत्ति हैं| इस पुस्तक का लोकार्पण, भारत के राष्ट्रपति, राम नाथ कोविन्द ने जनवरी 2018 में किया था|[२]
स्वागत
‘द हार्टफुलनेस वे’ के लोकार्पण तथा समीक्षाओं को कई जाने-माने अख़बार एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है|[१०][११][१२][१३][१४][१५][१६] इसे हिन्दुस्तान टाइम्स के ‘नीलसन टॉप 10 सूची में भारत में सर्वश्रेष्ठ कथेतर साहित्य /नॉन-फिक्शन चार्ट में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है|[१] 1st जून 2018 को इसे अमेरिकी बाज़ार में प्रस्तुत किया गया तथा जल्द हीं यह ‘बार्न्स एंड नोबल’ एवं ‘अमेज़ॉन’ पर सर्वाधिक बिक्री वाली पुस्तक बन गयी|[१७] कई अन्तराष्ट्रीय प्रेस / संस्करणों में इसकी समीक्षाएं प्रकाशित हुई हैं|[१८][१९][२०][२१]
ट्विटर पर राजस्थान की मुख्यमन्त्री, वसुन्धरा राजे सिंधिया ने लिखा है कि "यह पुस्तक हृदय द्वारा एवं हृदय से आध्यात्मिक जीविका निर्वाह करने के बारे में दिलचस्प अंतर्दृष्टि प्रदान करती है|[२२] "इस्लाम के शोधकर्ता मोईन क़ाज़ी, एशियन एज में अपनी टिप्पणी देते हुए कहते हैं कि "यह क़िताब अपने अनोखे नज़रिए के लिए बेमिसाल है|"[२३]
सन्दर्भ एवं उद्धरण
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