द्वितीयक वर्ण
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
किसी वर्ण दिक में द्वितीयक वर्ण (secondary color) ऐसा रंग (वर्ण) होता है जिसे दो प्राथमिक वर्णों को मिलाकर बनाया जाता है। इसमें अन्य प्राथमिक वर्ण को नहीं मिलाया जाता।[१][२]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ Josef Albers (1963). Interaction of Color. Yale University Press. ISBN 0-300-01846-0.