देवास
देवास | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | साँचा:flag |
राज्य | मध्य प्रदेश |
महापौर | सुभाष शर्मा |
सांसद | महेन्द्र सोलंकी [१] |
जनसंख्या | ३,४५००० (साँचा:as of) |
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• ५३५ मीटर |
साँचा:collapsible list | |
आधिकारिक जालस्थल: http://dmcdewas.org:89/index.php |
देवास भारत के मध्य प्रदेश का एक शहर है। यह इन्दौर से लगभग ३२ किमी उत्तर में स्थित है। यहाँ की माता की टेकरी पर चामुण्डा माता और तुलजा भवानी माता के प्रसिद्ध मन्दिर हैं जिसके दर्शन के लिये लोग दूर-दूर से आते हैं।[२] देवास एक औद्योगिक नगर है।
लोक मान्यता है कि यहाँ देवी माँ के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं। इन दोनों स्वरूपों को छोटी माँ और बड़ी माँ के नाम से जाना जाता है। बड़ी माँ को तुलजा भवानी और छोटी माँ को चामुण्डा देवी का स्वरूप माना गया है। यहाँ के पुजारी बताते हैं कि बड़ी माँ और छोटी माँ के मध्य बहन का रिश्ता था। एक बार दोनों में किसी बात पर विवाद हो गया। विवाद से क्षुब्द दोनों ही माताएँ अपना स्थान छोड़कर जाने लगीं। बड़ी माँ पाताल में समाने लगीं और छोटी माँ अपने स्थान से उठ खड़ी हो गईं और टेकरी छोड़कर जाने लगीं।
माताओं को कुपित देख माताओं के साथी (माना जाता है कि बजरंगबली माता का ध्वज लेकर आगे और भेरूबाबा माँ का कवच बन दोनों माताओं के पीछे चलते हैं) हनुमानजी और भेरूबाबा ने उनसे क्रोध शांत कर रुकने की विनती की। इस समय तक बड़ी माँ का आधा धड़ पाताल में समा चुका था। वे वैसी ही स्थिति में टेकरी में रुक गईं। वहीं छोटी माता टेकरी से नीचे उतर रही थीं। वे मार्ग अवरुद्ध होने से और भी कुपित हो गईं और जिस अवस्था में नीचे उतर रही थीं, उसी अवस्था में टेकरी पर रुक गईं।[३]
इस तरह आज भी माताएँ अपने इन्हीं स्वरूपों में विराजमान हैं। यहाँ के लोगों का मानना है कि माताओं की ये मूर्तियाँ स्वयंभू हैं और जागृत स्वरूप में हैं। सच्चे मन से यहाँ जो भी मन्नत माँगी जाती है, हमेशा पूरी होती है। इसके साथ ही देवास के संबंध में एक और लोक मान्यता यह है कि यह पहला ऐसा शहर है, जहाँ दो वंश राज करते थे- पहला होलकर राजवंश और दूसरा पँवार राजवंश। बड़ी माँ तुलजा भवानी देवी होलकर वंश की कुलदेवी हैं और छोटी माँ चामुण्डा देवी पँवार वंश की कुलदेवी।
टेकरी में दर्शन करने वाले श्रद्धालु बड़ी और छोटी माँ के साथ-साथ भेरूबाबा के दर्शन अनिवार्य मानते हैं। नवरात्र के दिन यहाँ दिन-रात लोगों का ताँता लगा रहता है। इन दिनों यहाँ माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग- यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा 'मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी' कहे जाने वाले इंदौर शहर में स्थित है।
सड़क मार्ग - यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा-मुंबई से जुड़ा हुआ है। यह मार्ग माता की टेकरी के नीचे से ही गुजरता है। इसके निकटतम बड़ा शहर इंदौर है, जो यहाँ से मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इंदौर से आप बस या टैक्सी लेकर देवास जा सकते हैं। माता के मन्दिर में दूर दुर से लोग आते है और सभी की मुरादे यहां पूरी होती है। "नवरात्री" में यहाँ आना शुभ माना जाता है।
रेलमार्ग - देवास शहर भारत के सभी प्रमुख शहरों से रेलमार्गो के द्वारा जुड़ा हुआ है देवास जिले के मुख्य नगर - देवास, हाटपिपलिया, बागली, कन्नौद,हतनोरी खातेगांव, सतवास, कांटाफोड, नेमावर, उदयनगर, पुंजापुरा, सोनकच्छ।
पर्यटकिय स्थल
- पहाडी पर स्थित मां चामुण्डा (छोटी माता) एवं तुलजा भवानी (बडी माता) माता का मंदिर अत्यन्त प्रसिद्ध है, इस स्थान को टेकरी भी कहा जाता है। टेकरी की ऊंचाई ३०० फिट है।[४]
- टेकरी की तलहटी पर मौजुद शीलनाथ धूनी गोरखनाथ सम्प्रदाय के संत शीलनाथ महाराज के अनुयायियों के लिये श्रद्धेय स्थान है।[४]
- पंवार छत्री एवं मीठा तालाब - मीठा तालाब के पास मौजुद पंवार छत्रीयां इतिहास में देवास नगर में मराठा साम्राज्य की उपस्थिती दर्शाति है।
- Dewas
बाहरी कड़ियाँ
बैंक नोट प्रैस
देवास मे नोट छापने का कारखाना है ।यह पर 100, 200,500,2000 रुुपये के नोट छापे जाते है ।
- देवास का इतिहास-भाग-1 (वेब दुनिया पर देवास ब्लाग)
- देवास माता टेकरी - जहाँ विराजी हैं चामुण्डा और तुलजा भवानी (वेबदुनिया)