देख तमाशा देख
देख तमाशा देख | |
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देख तमाशा देख | |
निर्देशक | फ़िरोज़ अब्बास ख़ान |
निर्माता | सुनील ए लुल्ला |
लेखक | शफ़ात खान |
अभिनेता |
सतीश कौशिक तन्वी आज़मी |
छायाकार | हेमन्त चतुर्वेदी |
संपादक | श्रीकर प्रसाद |
स्टूडियो |
इरोज इंटरनेशनल बॉम्बे लोकल पिकचर्स |
प्रदर्शन साँचा:nowrap |
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देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
देख तमाशा देख बॉलीवुड की हिन्दी फ़िल्म है जिसका निर्देशन फ़िरोज़ अब्बास ख़ान ने किया है। यह सच्ची घटनाओं पर आधारित भारत के सामाजिक-राजनीतिक चरित्र पर एक तंज है।[१] फ़िल्म की कहानी राजनेता के विशाल कटआउट के वज़न तले दबकर मर गए एक ग़रीब आदमी की धार्मिक पहचान ढूंढने के इर्द-गिर्द घूमती है।[२] फ़िल्म में मुख्य अभिनय भूमिका में सतीश कौशिक और गणेश यादव हैं।[३][४][५]
पटकथा
एक ग़रीब आदमी राजनेता मुथा सेठ (सतीश कौशिक) के विशाल बिजली के खम्बे से झुलस कर दबकर मर जाता है। कुछ मुसलमान उसके शव को दफ़नाने लगते हैं तो हिन्दुओं का एक समूह आकर इस पर आपत्ति करता है और शव को उन्हें सौंप देने की मांग करता है। मुसलमानों के अनुसार मृतक मुस्लिम था और हिन्दुओं के अनुसार मृतक उनमें से एक था। मामला पहले पुलिस के पास जाता है और आगे बढ़ते-बढ़ते न्यायालय पहुँच जाता है। मृतक का शव उसके भाई लक्ष्मण (हृदयनाथ राणे) को न सौंपकर मुर्दाघर में रखा जाता है। धीरे-धीरे इस विवाद में राजनेता शामिल हो जाते हैं जिससे मामला और अधिक भड़क जाता है। इसी घटना के आगे बढते-बढते सांप्रदायिक दंगे भड़कने लगते हैं। न्यायालय शव मृतक के भाई लक्ष्मण को सौंपने का आदेश देता है। मृतक की बीवी फ़ातिमा (तन्वी आज़मी) विवाद को बढ़ता नहीं देखना चाहती और उसे शव के अन्तिम संस्कार के रूप में दाह-संस्कार और दफ़नाये जाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। एक स्थानीय समाचार पत्र भी इस घटना को उछालने का कार्य करता है और नेता विवाद का राजनीतिक लाभ देखते हैं।
कलाकार
- सतीश कौशिक — मुथा सेठ
- हृदयनाथ राणे — मृतक का भाई लक्ष्मण
- तन्वी आज़मी — मृतक की बीवी फ़ातिमा।
- गणेश यादव — सावंत
- विनय जैन — विश्वराव
- शरद पोंक्षे — बांडेकर
- सतिश आलेकर — प्रो॰ शास्त्री
- अप्रूवा अरोड़ा — शब्बू
- आलोक राजवाडे — प्रशान्त
- सुधीर पाण्डे — मौलाना
- सुधीर पांडे — बादशाह
- जयंत वाडकर — सत्तार
- धिरेश जोशी — कुलकर्णी
- निखिल रत्नपारखी — देशपाण्डे
- अंगद महास्कर — रफ़ीक़ शैख
- किशोर प्रधान — न्यायाधीश
- किशोर चौघुले — सिपाही नायक
- अभय महाजन — अनवर
- सप्रुहा जोशी — रफ़ीक़ की पत्नी
- सतीश तारे — हमीद
- शशांक शिंधे — वकील
- सुनील गोडबोले — वकील
- राजेश भौंसले — पांडु
- चिमनी पाटस्कर — कुलकर्णी का सहायक
- दत्ता सोनवाने — मोटरख़ाने का मालिक
- गणेश रेवदेकर — सिपाही