दूल्हेराय
दूल्हेराय नामक व्यक्ति ने सर्वप्रथम कछवाह वंश की स्थापना की, 1137 ई. बड़गूजरों को हराकर दूल्हेराय ने ढूंढाड़ राज्य को बसाया था दूल्हेराय ने सर्वप्रथम दौसा को अपनी राजधानी बनाया, जो इस राज्य की सबसे प्राचीन राजधानी थी, दूल्हेराय ने इस राजधानी को मीणाओं से प्राप्त किया था |
दूल्हेराय ने रामगढ नामक स्थान पर जमुवामाता के मंदिर का निर्माण कराया तथा ' जमुवा माता ' को कछवाह वंश की कुलदेवी के रूप में स्थापित किया था, ढूंढाड़ में प्राचीन रामगढ गुलाब की खेती के लिए प्रसिद्ध था, जिसके कारण रामगढ को ' ढूढांड़ का पुष्कर ' कहा गया |
दूल्हेराय ने रामगढ को जीतकर इसे राजधानी बनाया इस प्रकार दूल्हेराय के शासन काल की दो राजधानीयाँ अस्तित्व में आयीं, दूल्हेराय के पश्चात कोकिलदेव ने आमेर के मीणाओं को पराजित कर इस सम्पन्न भू-भाग को कछवाह वंश का एक अंग बनाया, बाद में कोकिलदेव ने आमेर दुर्ग को राजधानी के रूप में स्थापित किया |