दुष्चक्र में सृष्टा
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दुष्चक्र में सृष्टा | |
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[[चित्र:|150px]] मुखपृष्ठ | |
लेखक | वीरेन डंगवाल |
देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
विषय | सामाजिक |
प्रकाशक | राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली-११० ००२ |
प्रकाशन तिथि |
२००२ |
पृष्ठ | ११६ |
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ | ८१-२६७-०४१३-६ |
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दुष्चक्र में सृष्टा हिन्दी के कवि वीरेन डंगवाल का कविता संग्रह है। इसका प्रकाशन वर्ष २००२ में हुआ और इसे वर्ष २००४ का साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया।