दीवान माना
दीवान माना | |
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जन्म |
साँचा:birth year and age बरेटा, पंजाब, भारत |
आवास | चंडीगढ़, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा प्राप्त की | वर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट चंडीगढ़ |
प्रसिद्धि कारण | संकल्पनात्मक फोटोग्राफी |
पुरस्कार | ललित कला अकादमी पुरस्कार |
वेबसाइट www.diwanmanna.com |
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दीवान माना (जन्म 17 जून 1958) एक भारतीय वैचारिक कलाकार और संकल्पनात्मक फोटोग्राफर हैं। इन्होंने 1982 में चंडीगढ़ के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट से ग्राफिक कला और प्रिंटमेकिंग में अपना अध्ययन पूरा किया।[१] इन्होंने भारत, ब्रितानिआ, जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड और इटली में अपनी कला का प्रदर्शन किया। 2014 से 2015 तक इन्होंने राष्ट्रीय ललित कला अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित त्रिनाले इंडिया के निदेशक के रूप में कार्य किया।[२] 2008 से 2015 तक उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन की राज्य कला अकादमी, चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2016 से वह पंजाब सरकार के संस्कृति मंत्रालय की राज्य कला अकादमी, पंजाब ललित कला अकादमी के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।[३] वह ललित कला अकादमी, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय अकादमी पुरस्कार से प्रस्कृत हैं। उनकी कला श्रंखलाओं में अलगाव (एलिएनेशन) १९८०, हिंसा (वायलेंस) १९८५, सिवे जगाना (वेकिंग द डेड) १९९६, उथल-पुथल के बाद (आफ्टर द टर्मायल) २००३, मास्टर ऑफ़ लाइट - ले कोर्बुज़िए २००५ शामिल हैं।[४]
प्रारंभिक जीवन
माना का जन्म 1958 में, भारत के पंजाब के बरेटा, बठिंडा जिला (अब मानसा जिला) में हुआ।[५] इन्होंने 1975 में गवर्नमेंट हाई स्कूल, बरेटा से मैट्रिक पूरा किया। अपने शुरुआती वर्षों में, इन्होंने कथा और कविता का अध्ययन किया, और खेल में सक्रिय थे, थिएटर में एक अभिनेता के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई और स्थानीय रामलीला, जो भारत में एक लोकप्रिय नाट्य रूप है। इन्होंने 1978 से 1982 तक चंडीगढ़ के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट में प्रिंटमेकिंग का अध्ययन किया।[६][३]
कला यात्रा
जब भारतीय कला आधुनिक से समकालीन में परिवर्तन की प्रक्रिया में थी और देश में फोटोग्राफी अभी भी अभिव्यक्ति के पारंपरिक तरीकों तक ही सीमित थी, दीवान माना, एक चित्रकार, अभिनेता और फोटोग्राफर के रूप में अपने प्रशिक्षण के साथ इन रूपों के एक संलयन के साथ प्रयोग कर रहे थे।[४] उनके दृष्टिकोण ने उन्हें भारत में फोटोग्राफी आधारित कलाकारों में अग्रणी बना दिया।[१] उनकी वैचारिक कलाकृतियों की शुरुआत १९८० में श्रृंखला "अलगाव" ((एलिएनेशन) से हुई और श्रृंखला "हिंसा"(वायलेंस) १९८५, “सिवे जगाना” (वेकिंग द डेड) १९९६, "अज्ञात के किनारे" (शोर्स ऑफ़ द अननोन) २०००, "उथल-पुथल के बाद"(आफ्टर द टर्मायल) २००३, "सत्ता के गलियारे" (कॉरिडोर्स ऑफ़ पावर) २००५, “मास्टर ऑफ लाइट-ल कोर्बुज़िए” २००५[७], के साथ अगले तीन दशकों में जारी रही। दृश्य माध्यम के रूप में फ़ोटोग्राफ़ी दीवान का चुना हुआ उपकरण है, जिसमें वह अपने आसपास और दुनिया के अपने व्यक्तिगत प्रभावों और अनुभवों को बयान करते हैं। उनकी तस्वीरों में महज़ सांसारिक वस्तुओं के स्थिर दर्पण चित्र नहीं हैं बल्कि हमारे दैनिक दृश्य अनुभव से कुछ दूरी है। उन्हें अक्सर छवियों (इमेजिस) “जुदाई के युग”, में देखा जाता है - इनके बाहर, इनके भीतर, इन्हें देखते हुए, इनमें से देखते हुए, जिसके चलते एक ऐसे स्थान पर निवास करना जो आंतरिक हो (मन), वास्तविक (स्टूडियो), और उसी समय सामाजिक भी। वह तस्वीरें नहीं लेते (क्लिक नहीं करते ) हैं या अपने आस-पास की दुनिया को पुन: पेश करने के लिए एक मासूम नकल उपकरण के रूप में कैमरे का उपयोग नहीं करते हैं, वास्तव में वह उनका निर्माण करते हैं।[८]
कैरियर
माना 1980 से कला का अभ्यास कर रहे हैं। 2006 में, वह ली कोर्बुसिएर की वास्तुकला की तस्वीर लेने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, फ्रांस के सेंट-इटियेन के फ़िरमिन में कलाकार थे।[९][१०]
17 जून 2008 को, इन्हें चंडीगढ़ ललित कला अकादमी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, और 31 जुलाई 2015 तक पद पर रहे। 2014-15 से इन्होंने ललित कला अकादमी इंडिया के राष्ट्रीय कला अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित त्रिवेणी भारत के निदेशक के रूप में कार्य किया। 2016 से, वह पंजाब ललित कला अकादमी के अध्यक्ष हैं।
पुरस्कार
1996 में वह ललित कला अकादमी द्वारा राष्ट्रीय अकादमी पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें 1995 और 1996 में लगातार अखिल भारतीय ललित कला और शिल्प सोसायटी पुरस्कार (AIFACS) मिला।[११]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ साँचा:cite web
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- ↑ साँचा:cite webISBN 9782859446666स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Singh, Amarbir (2006). 'Ages of Separation by Diwan Manna'. New Delhi: Exhibition Catalog, Visual Arts Gallery
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite magazine