दीवान-ए-ग़ालिब
दीवान-ए-ग़ालिब प्रसिद्ध फ़ारसी और उर्दू कवि मिर्ज़ा असदुल्लाह ख़ान ग़ालिब (मिर्ज़ा ग़ालिब) द्वारा लिखित एक काव्य पुस्तक है। यह ग़ालिब की ग़ज़लों का संग्रह है। हालाँकि इसमें उनकी सभी ग़ज़लें शामिल नहीं हैं, फिर भी दीवान-ए-ग़ालिब की कई अन्य प्रतियों में उर्दू के विद्वानों ने उनकी सभी कीमती रचनाओं को एकत्र करने की कोशिश की है। यह ग़ालिब द्वारा लिखी गई एकमात्र पुस्तक है। दीवान-ए-ग़ालिब की बहुत सारी प्रामाणिक प्रतियां नुसखा-ए-निज़ामी, नुसखा-ए-अर्शी, नुसखा-ए-हमीदिया (भोपाल), नुसख अज़ ग़ुलाम रसूल मेहर के रूप में मौजूद हैं।
सार
दीवान-ए-ग़ालिब में लगभग 200 ग़ज़ल शामिल हैं और मूल प्रति इसके मुकाबले कम थी। शोधकर्ताओं ने ग़ालिब की मृत्यु के बाद उनकी अन्य ग़ज़लों को, जैसा और जब भी पाया, शामिल किया। ग़ज़लें तत्कालीन बोली जाने वाली उर्दू भाषा में लिखी गयी हैं।