दिल्ली के उद्यान

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दिल्ली में बहुत से रमणीक उद्यान हैं। इनमें से कुछ हैं:

मुगल गार्डन

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मुगल गार्डन राष्ट्रपति भवन में स्थित है और देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इसका डिजाइन सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिग के लिए बनाया था। 13 एकड़ में फैले इस गार्डन में मुगल और ब्रिटिश शैली का मिश्रण दिखाई देता है। यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे पर्ल (मोती) गार्डन, बटरफ्लाय (तितली) गार्डन और सकरुलर (वृताकार) गार्डन। बटरफ्लाय गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं। यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्तीम है। मुगल गार्डन में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम आदि शामिल हैं। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं। मुगल गार्डन फरवरी में पर्यटकों के लिए खुलता है।

गार्डन ऑफ फाइव सेंसिस

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Example of night photography at The Garden of Five Senses, New Delhi.JPG

यह एक खूबसूरत और विशाल बाग है। इसका निर्माण दिल्ली पर्यटन विकास निगम ने किया था। इसके विकास का उद्देश्य एक ऐसी जगह का निर्माण करना था जहां लोग आराम से आकर बैठ सकें और सामाजिक गतिविधियों में भाग ले सकें। यहां समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। धीरे-धीरे यह पर्यटकों के बीच अपनी जगह बना रहा है। 20 एकड़ क्षेत्र में फैला यह पार्क सैद-उल-अजब गांव में स्थित है। यह बाग अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ है। एक ओर खास बाग है जो मुगल गार्डन की तर्ज पर बनाया गया है। यहां पर फूलों के पौधे और फव्वारे लगे हुए हैं। दूसरी ओर खाने-पीने और खरीदारी का इंतजाम भी है।

तालकटोरा गार्डन

साँचा:main यह एक ऐतिहासिक जगह है। यहीं पर 1738 में मुगलों ने मराठों को हराया था। पुराने समय में यहां एक कुंड और स्वीमिंगपूल था। इसलिए इस जगह का नाम तालकटोरा रखा गया। यह गार्डन बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। विशेष रूप से वसंत ऋतु में यहां पर्यटकों की संख्या् में वृद्धि हो जाती है। विभिन्न प्रकार के फूलों के अलावा यहां स्टेडियम भी है जहां खेलों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। निश्चित समयावधि के लिए यहां बच्चों के लिए कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं ताकि उनमें बागवानी के प्रति रुचि बढ़े। यह सभी दिन खुला रहता है।

लोदी गार्डन

साँचा:main लोदी गार्डन सफदरजंग के मकबरे से 1 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। पहले इस बाग का नाम लेडी विलिंगटन पार्क था। यहां के खूबसूरत फव्वारे, तालाब, फूल और जॉगिंग ट्रैक सभी उम्र के लोगों को लुभाते हैं। लोदी गार्डन मूल रूप से गांव था जिसके आस-पास 15वीं-16वीं शताब्दी के सैय्यद और लोदी वंश के स्मारक थे। अंग्रेजों ने 1936 में इस गांव को दुबारा बसाया। यहां नेशनल बोंजाई पार्क भी है जहां बोजाई का अच्छा संग्रह है। यहां पेड़ों की विभिन्न प्रजातियां, रोज गार्डन और ग्रीन हाउस है जहां पौधों का रखा जाता है। पूरे वर्ष यहां अनेक प्रकार के पक्षी देखे जा सकते हैं। बगीचे के बीच में बारा गुंबद नामक मस्जिद है जो 1494 में बनाई गई थी। इस गार्डन में शीश गुंबद, मोहम्मद शाह का मकबरा और सिकंदर लोदी का मकबरा है। सर्दियों के दिनों में यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं।

राष्ट्रीय जैविक उद्यान

साँचा:main इसे चिड़ियाघर भी कहा जाता है। दिल्ली का चिड़ियाघर एशिया के सबसे अच्छे चिड़ियाघरों में एक है। यह पुराने किले के पास ही स्थित है। 1959 में बने इस चिड़ियाघर का डिजाइन श्रीलंका के मेजर वाइनमेन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने बनाया था। 214 एकड़ में फैले इस जैविक उद्यान में जानवरों और पक्षियों की 22000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। यहां पर ऑस्टेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और एशिया से लाए गए पशु-पक्षी भी देखे जा सकते हैं। चिड़ियाघर में एक पुस्तकालय भी है जहां से पेड़, पौधों, पशु-पक्षियों के बारे में जानकारी ली जा सकती है। समय: गर्मियां में सुबह 8-शाम 6 बजे तक, सर्दियों में सुबह 9-शाम 5 बजे तक शुक्रवार को बंद रहता है और खाने पीने की चीजें लाना मना है

अन्य उद्यान