थिंक एंड ग्रो रिच

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थिंक ऐण्ड ग्रो रिच (Think and Grow Rich ; अर्थ : 'सोचो और धनी बनो' या 'सोच को बदलो और धनी बन जाओ' ) एक प्रसिद्ध पुस्तक है जो १९३७ में नैपोलियन हिल्ल द्वारा रची गयी थी। यह व्यक्तिगत-विकास और आत्म-विकास से सम्बन्धित पुस्तक है। नैपोलियन हिल ने दावा किया था कि वे एक उद्योगपति (बिजनेस मैग्नेट) के एक सलाह से प्रेरित हुए थे और बाद में ऐन्ड्रू कार्नेगी से। अब तक इस पुस्तक की डेढ़ करोड़ से भी अधिक प्रतियाँ विभिन्न भाषाओं में बेची जा चुकी हैं।