त्रिभुवन नेपाल
साँचा:infoboxसाँचा:main other नेपाल के त्रिभुवन त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह ( 23 जून 1930 से 13 मार्च 1955) 11 दिसंबर सन 1911 से उनकी (7 नवंबर 1950 से 18 फरवरी 1951 तक के निर्वासन काल को छोड़ कर) मृत्यु तक नेपाल के राजा थे। इनका जन्म काठमांडू में हुआ था जो की वर्तमान में नेपाल की राजधानी है। 5 वर्ष की अल्प आयु में ही अपने पिता पृथ्वी वीर विक्रम शाह की मृत्यु के पश्चात राजगद्दी पर आसीन , हुए उन्हें हनुमान धोखा पैलेस काठमांडू में 20 फरवरी सन 1983 राजगद्दी सौंपी गई
परिवार
राजा त्रिभुवन का जन्म 23 जून सन 1930 को पृथ्वी बीर बिक्रम शाह और उनकी रानी की दिव्येश्वरी लक्ष्मी देवी शाह के यहां हुआ। उनकी पिता की मृत्यु के पश्चात त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह को मात्र 8 वर्ष की अल्प आयु में राजगद्दी का भार सौंपा गया दिव्येश्वरी लक्ष्मी देवी शाह को राज प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया जब तक के वयस्क नहीं हो गए।
उनका प्रथम विवाहनणर्यहितय रॉयल पैलेस काठमांडो में मार्च १९१९ को ह.म. स्वस्ति श्री ओजस्वी राजनय श्री श्री श्री श्री श्री श्रीमन महाराजाधिराज पत्ता राज्निनं बड़ा महाराज काँटी राज्य लष्मी देवी शहाणं सदा सौभाग्यवतीनं ( ह.म. रानी कुंती) के साथ हुआ। उसी दिन उनका विवाह उनकी पहली पत्नी की बहन रानी ईश्वरी के साथ संपन्न हुआ। दीदी के साथ उनकी और पत्नी हुई
राजा त्रिभुवन के 3 पुत्र एवं 13 पुत्रिया हुई जिसमें से
- महेंद्र बीर बिक्रम शाह, नेपाल नरेश (रानी कुंती के पुत्र ) जन्म सन 1921
उन की पुत्रिया जिन में शामिल है
- राजकुमारी त्रिलोक के राज्य लक्ष्मी देवी जन्म सन 1923 रानी कांति की पुत्री
- राजकुमारी नलिनी राज्य लक्ष्मीदेवी जन्म सन 1925 पुत्री रानी ईश्वरी
- राजकुमारी विजयाराजे लक्ष्मी देवी जन्म सन 1925 पुत्री रानी कांति
- राजकुमारी भारती राज्य लक्ष्मी देवी जन्म सन 1927 पुत्री रानी कांति
कनिष्क पत्नियों के बच्चे
5. राजकुमारी राज्य लक्ष्मी देवी 6. राजकुमारी दिव्यवेश्वरी राज्य लक्ष्मी देवी 7. राजकुमारी प्रजा राज्य लक्ष्मी देवी 8. राजकुमारी अचला राज्य लक्ष्मीदेवी 9. राजकुमारी टिका राज्य लक्ष्मी देवी 10. राजकुमारी बिमला राज्य लक्ष्मी देवी
इनके अतिरिक्त राजा त्रिभुवन की तीन और पत्नियां थी जिनका नाम ज्ञात नहीं है जिनकी मृत्यु नेपाल में आए विभीषण भूकंप में 15 जनवरी 1934 को नारायण सत्य रॉयल पैलेस काठमांडू में हो गई थी
कांग्रेस राणा सरकार
नई दिल्ली समझौते के अनुसार राजा त्रिभुवन ने 13 फरवरी सन 1951 को अपने कैबिनेट की घोषणा की जिसके मुखिया मोहन शमशेर जंग बहादुर राणा को नियुक्त किया उनके कैबिनेट में निम्न सदस्य रहे
- श्री मोहन शमशेर प्रधानमंत्री एवं विदेश मामले
- श्री बाबर शमशेर जंग बहादुर राणा मोहन शमशेर के छोटे भाई - रक्षा
- जोधराज शमशेर (बी श्रेणी के राणा के प्रतिनिधि) - वन
- निरुपा जंग राणा ( सी श्रेणी के राणा के प्रतिनिधि) - शिक्षा
- यज्ञ बहादुर बस बस्न्यात (राणा बहादुर) - स्वास्थ्य एवं स्थानीय प्रशासन
==नेपाली कांग्रेस की ओर से==
- विश्वेश्वर प्रसाद कोइराला - होम
- सुवर्णा शमशेर राणा ( राणा होने के बावजूद नेपाली कांग्रेस का प्रतिनिधित्व) - वित्त
- गणेश मान सिंह - वाणिज्य एवं उद्योग
- भारतमणि शर्मा - खाद्य एवं कृषि
- भद्रकाली मिश्रा - परिवहन
केबिनेट का पूर्ण गठन 10 जून सन 1991 को हुआ जिसमें बाबर शक शेरशाह को संगला शमशेर एवं भद्र मणि शर्मा को सूर्य प्रसाद उपाध्याय के द्वारा बदला गया यह कैबिनेट नवंबर सन 1951 में भंग कर दी गई एवं म.प्र. कोइराला नए प्रधान मंत्री बनाए गए
मृत्यु
राजा त्रिभुवन की सन 1955 में यूरिक स्विजरलैंड में संदेहास्पद परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। तब उनकी आयु 52 वर्ष थी। उनके मरणोपरांत कई प्रतिष्ठित संस्थानों स्थलों का नाम उनके नाम पर रखा गया जिनमें से प्रमुखता काठमांडू का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा ,सबसे पुराना राजमार्ग त्रिभुवन राजमार्ग, नेपाल की द्वितीय सबसे पुरानी एसोसिएट फुटबाल टूर्नामेंट ,त्रिभुवन चैलेंज शील्ड , त्रिभुवन नगर नामक शहर जो की डांग घाटी में स्थित है तथा नेपाल देश का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय त्रिभुवन विश्वविद्यालय , शामिल हैं