तुल्यकालन (प्रत्यावर्ती धारा)
प्रत्यावर्ती धारा विद्युत प्रणाली के सन्दर्भ में, दो युक्तियों (जैसे जनित्र और विद्युत नेटवर्क) की आवृत्ति तथा वोल्टता (आर एम एस नहीं, ताक्षणिक वोल्तता) को समान करने की क्रिया को तुल्यकालन (synchronization) कहते हैं। तुल्यकालन की आवश्यकता कई स्थियों में पड़ सकती है। उदाहरण के लिये एक अल्टरनेटर को किसी पहले से कार्यरत ए सी विद्युत नेटवर्क से जोड़ना हो (अर्थात, समान्तर करना हो) , तो अल्टरनेटर को पहले उस नेटवर्क के साथ तुल्यकालिक बनाना पड़ेगा, उसके बाद ही इसे नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है। बिना तुल्यकालिक किये सीधे नेटवर्क से जोड़ने पर एक प्रकार का 'शार्ट सर्किट' बनता है और बहुत अधिक धारा प्रवाहित होगी। इसी प्रकार यदि दो विद्युत ग्रिडें बिना आपस में जुड़े काम कर रहीं हैं, यदि उन्हें जोड़ना है तो पहले दोनों को एक दूसरे के तुल्यकालिक करना पड़ेगा।
प्रक्रिया
- तुल्यकालक लैम्प (सिन्क्रोनाइजिंग लैम्प) द्वारा
- सिन्क्रोस्कोप द्वारा
- तुल्यकालक रिले द्वारा