तुज़क-ए-जहाँगीरी
चित्र:जहाँगीरनामा.djvu तुज़क-ए-जहाँगीरी या तुज़्क-ए-जहाँगीरी (अंग्रेज़ी:Tuzk-e-Jahangiri) पुस्तक मुग़ल सम्राट नूर अल-दीन जहांगीर (1569-1627) द्वारा फ़ारसी-भाषा की कृति है जिसमें वह अपनी परिस्थितियों और घटनाओं का उल्लेख करते हैं। जहाँगीर की मृत्यु तक की बातें इस में मिलती हैं। यह पुस्तक"इक़बाल नामा जहाँगीरी" और "जहांगीरनामा" नाम से भी जानी जाती है।
विवरण
ऐतिहासिक पुस्तक है, जहांगीर बादशाह की इस पुस्तक का नाम तुजुका जहांगीरी अर्थात् जहांगीर प्रवन्ध है। तुर्की भाषा में प्रवन्धको तुजुक काहते हैं। पर इस पुस्तक को भोजप्रवन्ध या कुमारपाल प्रवन्ध आदि के समान न समझना चाहिये। यह पोथी सप्रमाण रोजनामचा है।[१]
जहाँगीर के अलावा मोतमद ख़ान और मुहम्मद हादी ने भी पुस्तक को पूरा करने में भाग लिया।
यह पुस्तक सत्रहवीं शताब्दी ईस्वी के विभिन्न ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करती है जो भारतीय उपमहाद्वीप में हुई थी।
शैली सरल, धाराप्रवाह, चिकनी है।
तुजक -ए- जहाँगीरी का हिंदी अनुवाद[२]डॉक्टर मथुरालाल शर्मा और "जहांगीरनामा" नाम से मुन्शी देवीप्रसाद ने भी अनुवादित किया। उर्दू[३],औऱ अंग्रेज़ी अनुवाद भी हुआ।
बाहरी कड़ियाँ
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite journal
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ Tuzk E Jahangiri Urdu. تُزکِ جھانگیری : Sayyid Ahmad Ali Rampuri https://archive.org/details/TuzakEJahangiriUrdu/mode/2up