तारण पंथ दर्शन

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आचार्य तारण तरण देव जी ने अपने ग्रंथों में लिखा है कि मैंने जो कहा है वह कुछ अलग से नहीं कहा है जो महावीर ने कहा है वही मैंने कहा है।आचार्य तारण तरण देव जी ने कहा है तू स्वयं भगवान है। तुझमें भगवान बनने की शक्ति है। भगवान कुछ अलग से नहीं होते यदि व्यक्ति पुरुषार्थ करे तो वह भी अरिहंत वह सिद्ध दशा को प्राप्त हो सकता है। आचार्य तारण तरण देव जी ने चौदह ग्रंथों की रचना की जो चारों अनुयोग के हैं।आचार्य तारण तरण देव जी ने मालारोहण में सम्यक दर्शन, पंडितपूजा में सम्यक ज्ञान व कमलबत्तीसी सम्यक चारित्र का विशेषता से वर्णन किया है।