ताजुद्दीन अहमद
ताजुद्दीन अहमद | |
ताजुद्दीन अहमद
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कार्यकाल १७ अप्रैल १९७१ – १२ जनवरी १९७२ | |
राष्ट्रपति | शेख मुजीबुर्रहमान सैयद नज़रुल इस्लाम (कार्यवाहक) |
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उत्तराधिकारी | शेख मुजीबुर्रहमान |
जन्म | साँचा:birth date दरदारिया, बंगाल प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु | साँचा:death date and age ढाका, बांग्लादेश |
राजनैतिक पार्टी | बांग्लादेश अवामी लीग (१९४९–१९७५) |
अन्य राजनैतिक सहबद्धताएं |
अखिल भारतीय मुस्लिम लीग (१९४९ के पूर्व) |
विद्या अर्जन | ढाका विश्वविद्यालय |
धर्म | इस्लाम |
ताजुद्दीन अहमद, (बांग्ला: তাজউদ্দীন আহমদ) (जुलाई २३,१९२५ – नवंबर ३,१९७५) एक बांग्लादेशी राजनयिक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने बांग्लादेश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में युद्धकालीन अंतरिम सरकार का मुक्ति युद्ध में निर्णायक नेतृत्व किया था। उन्हें बांग्लादेश के जन्म एवं स्वतंत्रता के सबसे प्रभावशाली, निर्णायक एवं सूत्रधारी शख़्सियतों में गिना जाता है। १९७१ के अंतरिम सरकार के उनके नेतृत्व नें बांग्लादेशी राष्ट्रवादियों के विभिन्न राजनीतिक, सामरिक, जातिगत एवं सांस्कृतिक खेमों को एकजुट कर दिया था।
संक्षिप्त जीवनी
अहमद, शेख मुजीबुर्रहमान के बेहद करीबी विश्वासपात्रों में शुमार थे, तथा षाटवीं और सत्तरवीं दशक में वे अवामी लीग के महासचिव हुआ करते थे। उन्होंने १९७० के पाकिस्तानी साधारण चुनावों में अवामी लीग के चुनावी अभियानों के अयोजन व साझेदारी में अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें लीग नें ऐतिहासिक संसदीय बहुमत प्राप्त किया था।
बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद, उन्हें योजना व वित्त का प्रभार दिया गया था, साथ ही वे बांग्लादेशी संविधान के प्रलेखन समिति में भी शामिल थे। स्वतंत्रता पश्चात हुई आंतरिक जद्दोजहद और राजनीतिक मतभेदों के बीच शेख मुजीबुर्रहमान से उनके संबंध बिगड़ना शुरू हो उठे। वे शेख मुजीब के तानाशाही रवईये के विरोधी थे, और १९७५ में शेख मुजीब ने विपक्ष को बर्खास्त कर बाकसाल नामक एकदलीय शासत स्थापित किया, तब अहमद उनके विचारों से पूर्णतः विरुद्ध थे। १५ अगस्त १९७५ को शेख मुजीब की हत्या कर, सैन्य तख्तापलट किया गया। २२ अगस्त को ताजुद्दीन को, अन्य अनेक राजनीतिज्ञों के साथ, जेल में बंद कर दिया गया, और ३ नवंबर 1975 की, जेल हत्या दिवस के नाम से कुख्यात, रात को उन्हें और उनके तीन साथियों समेत सेना द्वारा, बिना-मुकदमा, जेल में ही मार दिया गया।[१]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Midnight Massacre In Dacca by Sukharanjan Dasgupta, 1978, ISBN 0-7069-0692-6